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एसीबी को देख कांस्टेबलों ने नाले में फेंकी रिश्वत की राशि, ढाई हजार बह गए - ACB ACTION IN KOTA

एसीबी ने नाले में फेंकी रिश्वत राशि बरामद कर ली. हालांकि ढाई हजार रुपए बह गए लेकिन 7500 तलाश लिए. दोनों कांस्टेबल निलंबित कर दिए.कोटा: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने दादाबाड़ी थाने के दो कांस्टेबल को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. उन्होंने रिश्वत थाने से कुछ दूर ली, लेकिन एसीबी टीम को देख आरोपी कांस्टेबल ने राशि नाले में फेंक दी थी. एसीबी ने नाले से 500—500 रुपए के 20 नोट में से 15 नोट नाले से तलाश लिए लेकिन पांच नोट नहीं मिले हैं. वे संभवतया नाले में पानी के साथ बह गए. एसीबी ने केमिकल लगाकर परिवादी को 20 नोट दिए थे एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार का कहना है कि रिश्वत की राशि परिवादी ने कांस्टेबल बनवीर आचार्य और मनीष कुमार जांगिड़ को दी थी. उन्हें शक हो गया तो राशि नाले में फेंक दी. जहां से टीम ने राशि बरामद की. इसमें पांच नोट कम मिले हैं. दोनों कांस्टेबल को एसीबी ने न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया.दोनों आरोपी निलंबित: इस बीच, कोटा सिटी एसपी डॉ. अमृता दुल्हन ने दोनों कांस्टेबल बनवीर आचार्य और मनीष कुमार जांगिड़ को सस्पेंड कर दिया. आपको बता दें कि मारपीट और फायरिंग मामले में दो युवकों को राहत देने की एवज में परिजनों से 30 हजार की रिश्वत दादाबाड़ी थाने के कांस्टेबल बनवीर और मनीष मांग रहे थे. इसके बाद उन्हें एसीबी टीम ने ट्रैप कर लिया था परिवादी ने कहा ऑनलाइन डाल देता हूं पैसे: परिवादी से 10 हजार रिश्वत लेने बनवीर और मनीष दोनों पहुंचे थे. परिवादी से यह घूस लेने के बाद दोनों ने कहा कि पूरा मामला सेटल पूरी रिश्वत आने के बाद ही होगा. इस पर परिवादी ने कहा कि उसके पास नगद राशि नहीं है, ऑनलाइन डलवा देता हूं. इस पर कांस्टेबल मनीष ने कहा कि ऑनलाइन रहने दीजिए. पैसा नगद ही देना होगा. इसके बाद 10 हजार रुपए भी वापस करने लग गए. तब परिवादी ने कहा कि मैं नगद पैसा मंगवाता हूं और दोनों को रोक के रखा. साथ ही एसीबी टीम को सूचना दे दी. इसके बाद दोनों पकड़े गए. हालांकि उन्होंने राशि नाले में फेंक दी. इस मामले में यह भी सामने आया है कि बनवीर इस एरिया का बीट कांस्टेबल भी था. वह इस मामले में 3000 रुपए पहले रिश्वत ले चुका है.

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