
जल संसाधन, विद्युत विभाग और पट्टा माफिया का कारनामा
अब... बैंनगंगा नदी के बीचों-बीच हजारों एकड़ मे हो रही खेती
अंजनी गुप्ता
छपारा - जिले और छपारा नगर के साथ-साथ सैकड़ों ग्रामों की प्यास बुझाने वाली पवित्र बैनगंगा नदी अपने अस्तित्व को बचाने के लिए ही तरस रही हैं। दरअसल जल संसाधन और विद्युत विभाग सहित पट्टा माफिया की मिलीभगत से नदी के बीचों-बीच हजारों एकड़ में खेती के लिए अवैध तरीके से पानी खींचा जा रहा हैं । जिसके चलते बैनगंगा नदी का पानी सूखने के कगार पर पहुंच चुका हैं और अप्रैल माह से ही जिला मुख्यालय सहित छपारा और आसपास के सैकड़ो ग्रामों में जल संकट की आहट सुनाई देने लगी हैं। इसके बाद भी संबंधित विभाग और जिला प्रशासन इन पट्टा माफियाओं पर कार्यवाही करने से बच रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि 1980 के दशक में भीमगढ़ डैम का निर्माण कराया गया था। उसके बाद से ही डैम के डूब क्षेत्र और नदी के दोनों तटों पर पट्टा माफियाओं ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिए थे। आज हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं क्योंकि अब तो बीच वैनगंगा नदी के सीने पर ही अवैध तरीके से हजारों एकड़ में जल संसाधन विभाग और विद्युत विभाग सहित पट्टा माफिया की मिलीभगत से खेती करने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं। इस पूरे मामले में जिला प्रशासन तथा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के निकम्मे, लाचार और भ्रष्ट कार्यप्रणाली के चलते बैनगंगा नदी की सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा हैं।
## हजारों मोटर पंप लगाकर हो रही खेती, पेयजल को तरस रही जनता ##
बता दें कि नदियों के संरक्षण को लेकर कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। लेकिन इसकी हकीकत देखना हो तो छपारा नगर से गुजरने वाली वैनगंगा नदी के हालात को देखकर तो नदी संरक्षण की सभी योजनाएं कागजों में ही दौड़ती हुई दिखाई देती हैं। यहां के हालात दिनोंदिन भयावह होते जा रहे हैं। जिसके चलते बैनगंगा नदी पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है। कई जगह पर तो सिर्फ और सिर्फ पानी से भरे हुए डबरे ही नजर आ रहे हैं।। जिसके चलते अप्रैल माह से ही सिवनी नगर के साथ-साथ छपारा नगर और आसपास के सैकड़ों ग्रामों में भीषण जल संकट पैदा हो गया हैं।
हमारी मीडिया टीम ने जब बैनगंगा नदी के उद्गम स्थल मुंडारा से लेकर छपारा तक निरीक्षण किया तो कई चौंकाने वाले दृश्य सामने आए। बैनगंगा नदी के उदगम स्थल मुंडारा से लेकर लखनवाड़ा, दिघोरी, बंडोल और छपारा तक बैनगंगा नदी के तटों पर अभी भी पट्टा माफिया विद्युत और इरीगेशन विभाग की मिलीभगत से हजारों एकड़ में बेतहाशा कब्जा करने के साथ-साथ हजारों मोटर पंप लगाकर बेधड़क पानी खींचने का खेल बेखौफ जारी हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात छपारा के ऐतिहासिक कर्बला और धड़धड़ा घाट से लेकर सिद्ध बाबा शिव मंदिर घाट तथा रेस्ट हाउस घाट के साथ साथ छोटे और बड़े पुल तथा फोरलेन बाईपास के पुल के आगे माहलनवड़ा मे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता हैं। जहां बैनगंगा नदी के दोनों तटों और अब तो बैनगंगा नदी के सीने के ऊपर ही जुताई, बखरौनी और बोनी करने के साथ-साथ हजारों की संख्या में मोटर पंप लगाकर पानी खींचने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं। अब देखना यह है कि बैनगंगा नदी से पानी खींचने वाले पट्टा माफियाओं पर संबंधित विभाग और जिला प्रशासन के आला
अधिकारी कब तक और कैसी कार्यवाही कर पाते हैं, या सिवनी मुख्यालय और छपारा सहित सैकड़ो ग्रामों की जनता बूंद-बूंद पानी के ऐसे ही तरसते रहेगी?