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होम्योपैथ के जनक सैमुअल हैनीमैन ने चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाया - डॉ. जयप्रकाश शर्मा

महराजगंज (विशेष संवाददाता)। आज 10 अप्रैल, 2025 को विश्व भर में होमियोपैथी के जनक कहे जाने वाले जर्मन चिकित्सक सैमुएल हैनीमेन की जन्म जयंती मनाई जा रही है। सैमुएल हैनीमेन का जन्म 10 अप्रैल, 1755 को जर्मनी के माइसेन में हुआ था। उन्होंने चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए होमियोपैथी की नींव रखी, जो आज भी लाखों लोगों के लिए वैकल्पिक चिकित्सा का प्रमुख साधन बनी हुई है। इस अवसर पर बरग़दवा स्थित प्रकाश होमियो क्लीनिक पर आयोजित हैनीमेन जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ जयप्रकाश शर्मा ने हैनीमेन के जीवन, कार्य और सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हैनीमेन ने "समान का समान से इलाज" (Like Cures Like) का सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार रोग के लक्षणों को उसी पदार्थ से ठीक किया जा सकता है जो स्वस्थ व्यक्ति में वही लक्षण पैदा करता हो। उनकी यह खोज उस समय की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से अलग थी, जिसमें कठोर दवाइयों और रक्तस्राव जैसी प्रथाएं प्रचलित थीं। हैनीमेन ने अपनी पुस्तक "ऑर्गनन ऑफ मेडिसिन" में अपने सिद्धांतों को विस्तार से प्रस्तुत किया, जो आज भी होमियोपैथी का आधार है।
इस अवसर पर डॉ अमित शर्मा ने कहा कि होमियोपैथी सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी है, खासकर पुरानी बीमारियों में। उन्होंने हैनीमेन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और उनके दर्शन को आधुनिक चिकित्सा में शामिल करने की मांग उठाई।
इससे पूर्व होमियोपैथी के जनक सैमुएल हैनीमेन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर डॉ जय प्रकाश शर्मा, डॉ अमित शर्मा, डॉ धर्मेंद्र कुमार, कृष्ण मोहन शर्मा सहित स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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