
शहीदों की स्मृति को चिरस्थाई बनाने की अनूठी पहल
बालेसर/शेरगढ़ । राजस्थान से देश की रक्षा के लिए सर्वाधिक सपूत भेजने वाला जोधपुर जिले का शेरगढ़ क्षेत्र शहीदों व सैनिकों को सरजमीं रहा है। शेरगढ़ की इस वीर प्रसूता धरती की फिजाओं में देश के लिए शहादत देने वाले वीर सपूतों व सैनिकों की पुश्तैनी परंपरा समाहित है। शेरगढ़ का इतिहास वीर सैनिकों व वीर शहीदों की बदौलत सम्पूर्ण भारतवर्ष में एक अलग ही पहचान रखता है।
शेरगढ़ विधानसभा में आजादी से पूर्व व आजादी के बाद सैकड़ों बीर जवानों ने भारत माता की रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति दी। प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध, चीन और पाक यूद्धः श्रीलंका से सोमालिया मिशन और कारगिल संघर्ष जैसे बुद्धों में यहां के सैकड़ों जवानों ने शहादत दी। प्रथम विश्व युद्ध में शेरगढ़ क्षेत्र के 79 जवान तथा द्वितीय विश्व युद्ध में सौ से अधिक जवान शहीद हुए। देश की आजादी के बाद हुए युद्धों, आतंककारी आक्रमणों में यहां के 60 शहीदों ने जान भी दी।
इन्ही वीर शहीदों व वीर सैनिकों के गौरव सम्मान में शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ अपनी विधानसभा में अनूठी पहल कर रहे है, विधायक राठौड़ ने पूर्व में भी शहीदों व सैनिकों के कई अहम मुद्दे विधानसभा व सरकार के सामने रखे और उनका समाधान कराया। शहीदों से संबंधित कार्यों को विधायक राठौड़ हमेशा प्राथमिकता से पूरा करते रहे हैं। वीर शहीदों के नाम विद्यालय नामकरण भी करवाए एवं वर्तमान में शेरगढ़ विधानसभा में कई शहीद स्मारकों का कार्य भी चल रहा है। विधायक राठौड़ की
अनुशंषा पर वीर शहीदों के नाम से कई नदीन ग्राम पंचायते भी प्रस्तावित की एवं शहीदों के नाम से दो दर्जन से अधिक राजस्व गांव बनाए।
शहीदों के नाम से प्रस्तावित नवीन ग्राम पंचायतें
भुंगरा में शहीद हमीरसिंह नगर, चाबा में शहीद दमाराम नगर, बालेसर में शहीद भंवरसिंह नगर, शहीद सूबेदार गंगाराम नगर, बेलवा राणाजी में शहीद सगतनगर, चामू में शहीद ताजाराम मगर एवं देवातु में शहीद सगतजगर आदि नवीन ग्राम पंचायतें प्रस्तावित की।