
भूरहा में आज पारंपरिक बिशुआ मेला में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।
दुर्वासा नगरी भूरहा में आज पारंपरिक बिशुआ मेला में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।
खबर के मुताबिक गुरुआ प्रखंड के धर्म स्थल भूरहा में पारंपरिक बिसुआ मेला में श्रद्धालुओं की भीड़ पूरे दिन लगी रही।आपको बता दें कि महिला पुरुष व छोटे छोटे छोटे बच्चे भूरहा धाम में आकर स्नान कर स्तु, मीठा, आम की ईश्वर को अर्पित करते हुए ग्रहण कर परिवार की दीर्घायु रहने की कामना किया। वही गुरुआ बाजार के आचार्य शम्भू पाठक के अनुसार वनवास काल के दौरान धार्मिक पुस्तकों में श्री राम प्रभु की इसी मार्ग से गुजरने की बताया है। उन्होंने कहा दुर्वासा ऋषि इसी जगह भूरहा में कई वर्षों तक तपस्या किये थे। जिससे इस पावन भूमि को लोग दुर्वासा नगरी के नाम से भी जानते है। उन्होंने आगे बताया भूरहा में गुंजर वान नदी का लेख है जो दो जगहों से सालो भर पानी निकलते रहती है लोग इसी नदी में स्नान कर भगवान शिव ,बजरंग बली,भगवान बुद्ध और दुर्वासा ऋषि की स्थापित प्रतिमाओं की दर्शन करते हैं। वही भूरहा महोत्सव के पूर्व अध्यक्ष राजदेव प्रसाद बताते है कि यह स्थान भगवान बुद्ध की यात्रा से भी सम्बोधित है। उन्होंने बताया है कि बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद जब बोधगया से सारनाथ जा रहे थे तब भगवान बुद्ध रात्रि में भूरहा की पावन भूमि पर विश्राम किये थे। आपको बता दें कि भूरहा बिसुआ मेले में पत्थर से बनी सिवलट,ओखली, लोहे की कड़ाही के साथ साथ लकड़ी से वनी पारंपरिक समान। तरह तरह की घरेलू आवश्यक सामग्री, बच्चों के लिए खेलौने, पूजा पाठ के लिए सामग्री की बिक्री की जाती हैं। यहाँ दूर दूर गांव देहात सहर से चलकर श्रद्धालु आते है और स्नान कर स्थापित प्रतिमाओं की दर्शन करते हैं।वही पूर्वजों की आत्मा की शांति मोक्क्ष प्राप्ति के लिए लोग पिण्ड दान भी करते हैं।