झारखंड पुलिस ने बिहार पुलिस को गिरफ्तार किया
रविवार, 13 अप्रैल 2025 की घटना है। बिहार के पटना के गर्दनीबाग थाना के पुलिस अगवा लड़की के तलाश में प्राइवेट गाड़ी से झारखंड के बोकारो गई। बोकारो में वे एक फल विक्रेता से लड़की के फोटो दिखाकर पूछताछ की। फल विक्रेता ने लड़की को पहचानने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने उसपर गोली चला दी। फिर वे घायल फल विक्रेता को एक मेडिकल दुकान के पास छोड़कर भाग गए। गोली चलने के बाद स्थानीय लोगों द्वारा झारखंड पुलिस को सूचना दी गई। फिर झारखंड पुलिस द्वारा कोडरमा से वारदात में शामिल सभी 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें 3 पुलिसकर्मी, 2 ड्राइवर और साथ मे गए अगवा लड़की के पिता, चाचा व भाई हैं। गोली चलने पर छिटककर गोली लड़की के भाई को भी लगा है। घायल फल विक्रेता का अस्पताल में इलाज चल रहा है। .......... सवाल उठता है कि फोटो से पहचानने से इनकार करने पर पुलिस को गोली चलाने का हक किसने दिया? क्यों बिहार पुलिस अपनी छवि को और भी धूमिल कर रही है? पुलिस अगवा लड़की के तलाश में गई थी तो प्राइवेट गाड़ी से क्यों गई थी?......... पुलिस के ऊपर सवाल बहुत ही हैं, पर सबसे मुख्य सवाल है कि आखिर पुलिस के रवैया में सुधार कब होगा?