logo

बिजनौर में धड़ल्ले से चल रहें हैं, गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय।

बिजनौर के अफजलगढ़ क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहें हैं, बिना मान्यता के झोलाछाप विद्यालय।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नकल विहीन उत्कृष्ट शिक्षा के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में कहीं भी कोई गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित न हो इसके स्पष्ट आदेश जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिए गए हैं। इस सबके बावजूद शिक्षा माफिया धड़ल्ले से गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित कर रहे हैं। इन गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को शिक्षा विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों का संरक्षण प्राप्त है। शिक्षा विभाग के भ्रष्ट कर्मचारी योगी जी की उत्कृष्ट शिक्षा एवं नकल विहीन परीक्षा के मनसूबों पर पानी फेर रहे हैं। गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन रोकने के लिए जिलाधिकारी बिजनौर ने तीन सदस्य 11 समितियों का गठन किया है जिनमें दो राजकीय कालेज के प्रधानाचार्य एवं एक खण्ड शिक्षा अधिकारी है। अफजलगढ़ क्षेत्र में अनेक ऐसे विद्यालय है जो कक्षा आठ तक मान्यता प्राप्त है और धड़ल्ले से इण्टर तक की कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। ऐसे विद्यालय विद्यार्थियों को नकल आदि का प्रलोभन देते हैं और बोर्ड परीक्षा की पवित्रता भंग करने का प्रयास करते हैं। ये जिन विद्यालयों में अटैचमेंट करते हैं वहां परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए साम दाम दंड भेद की नीति अपनायी जाती है। शेरगढ़ में रविदास धर्मशाला के पास, महसनपुर में सुआवाला बादीगढ़ मार्ग पर, भूतपुरी में पैट्रोल पम्प के पास, सुआवाला में निर्माणाधीन टंकी के सामने सहित दर्जनों गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षा विभाग के भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से दसियों साल से संचालित हो रहें। यदि कोई अभिभावक टीसी लेने जाता है अथवा शिकायत करता है तो फील गुड करने वाले भ्रष्टाचारी उनका नाम उजागर कर शिकायतकर्ता को प्रताड़ित कराते हैं और शिकायत वापस लेने को मजबूर कर देते हैं। ऐसे में अभिभावक गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बच्चे पढ़ाने के लिए मजबूर हो जाता है।
जिलाधिकारी बिजनौर द्वारा गठित समितियों से अभिभावकों के मन में एक आशा जागी है कि शिक्षा माफिया अब उनका शोषण नहीं कर पाएंगे। अब देखना है कि गठित समितियों के सदस्य कितनी इमानदारी और पारदर्शिता के साथ अपना कार्य करेंगी।

0
0 views