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सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं प्राइवेट स्कूलों की फीस भरने के लिए कमाई नहीं अब कैसे पढ़े भारतीय बच्चा?

नजीबाबाद छेत्र के इंग्लिश मेडिम स्कूल जैसे सेंट मरीज, होली फैमिली स्कूल, गुरुकुल इंटरनेशनल अकैडमी इंपीरियल इंटरनेशनल स्कूल आदि स्कूलों की महँगी कापी किताबें, महंगी बस की फीस , महँगी स्कूल फीस ने बच्चों के मां-बाप कमर तोड़ दी है भारत रत्न से सम्मानित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने कहा था कि हर गरीब सबसे पहले शिक्षित बने लेकिन इतनी महंगाई में एक गरीब व्यक्ति अच्छी शिक्षा कैसे दिला सकता है जबकि प्राइवेट स्कूलों में इतनी लुटे हो इस महंगाई पर लगाम लगाने के लिए भारतीय किसान यूनियन कृषि क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंतजार मूसा और भारतीय किसान यूनियन कृषि क्रांति के जिला मीडिया प्रभारी डॉ शाहनवाज अली आगे आय और बताया इंग्लिश मीडियम के सभी स्कूल अपनी अपनी फेस पर लगाम लगाय और मनचाही फीस लेना बंद करें अन्यथा वह इसके खिलाफ अनशन पर बैठेंगे व धरना प्रदर्शन करेंगे, और संविधान के दायरे में रहकर गरीबों का हक उनका दिलाएंगे।

वहीं सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे परंतु ऐसा हो नहीं रहा है शिक्षा इतनी महंगी हो गई है के करीब से दूर हो गई है वही बात की जाए सरकारी स्कूलों की तो वहां पढ़ाई उसे स्टार की नहीं होती है जैसी होनी चाहिए इसलिए लोग प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं परंतु अब माता-पिता अपने बच्चों को कैसे पटाए अगर फीस भरते हैं तो घर में खाना खत्म बच्चे खाएंगे क्या और खाना खिलाते हैं तो बच्चों को पढ़ाएंगे कैसे सरकार को इस और गंभीरता से सोचना चाहिए जब बच्चा पड़ेगा तभी देश आगे बढ़ेगा

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