
अपहरण एवं नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन लोगों को बीस वर्ष कैद एवं अर्थदंड की सजा।
दरभंगाः दरभंगा जिला के पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने एक नाबालिग का अपहरण कर गैंगरेप के जुर्म में तीन जुर्मियों को 20 वर्षों का सश्रम कारावास तथा तीस-तीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।वहीं इसी मामले के दो अन्य अभियुक्तों को अपहरण का दोषी पाते हुए 10 वर्षों की कठोर कारावास की सजा तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने बुधवार को अभियुक्तों का सजा अवधि निर्धारण के वहीं इसी मामले के दो अन्य अभियुक्तों को अपहरण का दोषी पाते हुए 10 वर्षों की कठोर कारावास की सजा तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने बुधवार को अभियुक्तों का सजा अवधि निर्धारण के बिन्दु पर अभियोजन और वचाव पक्ष का बहस सुनने तथा अभिलेख पर मौजूद साक्ष्यों का गहन परिशीलन के बाद एपीएम थाना क्षेत्र के अकराहा निवासी विन्देश्वर सहनी का पुत्र दशरथ सहनी, शंकर सहनी का पुत्र ओम सहनी, विनोद सहनी का पुत्र धमेन्द्र सहनी, को भादवि की धारा 366 (अ)/34, में 10 बर्षों का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 376 डी में 20 बर्षों का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये तथा पॉक्सो ऐक्ट की धारा 6 में 20 बर्षों का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।अर्थदंड नहीं चुकाने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का प्रावधान किया है। वहीं कोर्ट ने इसी मामले के अभियुक्त किशन सहनी का पुत्र देवलाल सहनी तथा स्व. उचित सहनी का पुत्र सहदेव सहनी को भादवि की धारा 366अ/34 में 10 वर्षों का कठोर कारावास तथा दस-दस हजार रुपये अर्थदंड चुकाने की सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त पीड़िता को पुनर्वास हेतु पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख रुपये मुआवजा भुगतान करने का आदेश पारित किया है।यह प्रतिकर की राशि का भुगतान जिला विधिक सेवा
प्राधिकार दरभंगा के माध्यम से किया जायेगा। वहीं
अभियुक्तों द्वारा जमा की जाने वाली जूमार्ना की राशि भी
पीड़िता को भुगतान करने का आदेश पारित किया गया है।
अभियोजन पक्ष का संचालन कर रहे स्पेशल पीपी विजय कुमार पराजित ने बताया कि 13 मई 22 की रात्रि में सभी अभियुक्तों ने घर में सो रही नाबालिग को जबरन टेम्पो से अपहरण कर बांध पर ले जाकर तीन अभियुक्तों ने दूष्कर्म किया तथा दो अभियुक्तों ने टेम्पो से अपहरण में सहयोग किया।नाबालिग बच्ची के माता पिता गाँव में शादी में गए हुए थे।
शादी से वापस आने पर बच्ची की खोजबीन करने पर नहीं मिली, तो इसकी सूचना सुबह में अशोक पेपर मिल थाना को दिया। एपीएम थाना की पुलिस ने बच्ची को बरामद कर परिवार वाले को सौंप दिया और गांव में पंचायती की बात कहकर इतनी संगीन मामले की प्राथमिकी तक दर्ज नही किया। बाद में इसकी प्राथमिकी महिला थाना में कांड सख्या- 34/22 दर्ज कराया गया। अदालत में इस केश का बिचारण जीआर न.- 28/23 के तहत चल रही थी। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से 6 गवाहों की गवाही कराई गई। वादी के अधिवक्ता कृष्ण कुमार मिश्रा और अनिल कुमार मिश्रा ने न्यायालय में पीड़िता का पक्ष रखा तथा कोर्ट में तत्कालीन एपीएम थानाध्यक्ष का पीड़ित के पिता को दी जा रही धमकी का पेनड्राईव कोर्ट में दाखिल किया। गत 9 अप्रैल को ही कोर्ट ने मामले की सूनवाई पुरी कर पांचों अभियुक्तों को दोषी घोषित