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लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट LUCC घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जाँच के प्रमुख बिंदु और विस्तार

लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जाँच के प्रमुख बिंदु और विस्तार निम्नलिखित हैं:घोटाले का दायरा:LUCC घोटाले में अनुमानित 500 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है, जो 8 राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, बिहार) के 22 जनपदों में फैला है।समीर अग्रवाल, मुख्य आरोपी, ने 2016 में SAGA नामक संगठन बनाया, जिसके तहत LUCC सहित छह सहकारी समितियाँ संचालित की गईं। अन्य समितियों में LJCC (मध्य प्रदेश), SSV (महाराष्ट्र), SS (गुजरात-राजस्थान), For Human (बिहार-हरियाणा), और Viswas (पंजाब) शामिल हैं।ED की जाँच का आधार:ED ने इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत जाँच शुरू की। जाँच का आधार विभिन्न राज्यों में दर्ज FIRs हैं, जिनमें ठगी, आपराधिक साजिश, और धन शोधन के आरोप शामिल हैं।उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश में LUCC के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड में कोटद्वार की तृप्ति नेगी की शिकायत पर LUCC के डुगड्डा शाखा के प्रबंधक विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।जाँच के प्रमुख निष्कर्ष:समीर अग्रवाल और उनके सहयोगियों ने निवेशकों को उच्च रिटर्न (जैसे RD, FD, MIP, सुकन्या बचत खातों) का लालच देकर पैसे जमा करवाए। इसके बाद, ये धनराशि हवाला के जरिए विदेश भेजी गई।उत्तराखंड में LUCC की डुगड्डा शाखा में इस साल 50 लाख रुपये की परिपक्वता राशि निवेशकों को नहीं लौटाई गई। LUCC के मुख्य खाते में 189 करोड़ रुपये जमा हुए, लेकिन केवल 2 लाख रुपये ही खाते में बचे हैं।जाँच में पाया गया कि LUCC ने लोगों के पैसे अन्य व्यक्तियों और निजी खातों में जमा किए, और उत्तराखंड में सहकारी समिति खोलने के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं थे।ED और अन्य एजेंसियों का समन्वय:उत्तराखंड पुलिस ने ED और आयकर विभाग को LUCC से संबंधित दस्तावेज और वित्तीय लेनदेन की जानकारी सौंपी है।उत्तराखंड CB-CID ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की, जिसमें गिरफ्तारियाँ, संपत्ति जब्ती, और ED के साथ समन्वय शामिल है। उत्तराखंड में LUCC के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं, जिनमें देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी, और रुद्रप्रयाग शामिल हैं।अंतरराष्ट्रीय पहलू और इंटरपोल:समीर अग्रवाल के दुबई में छिपे होने की जानकारी के बाद, उत्तराखंड पुलिस ने इंटरपोल की सहायता मांगी है। समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल (मध्य प्रदेश), और शबाब हुसैन (उत्तर प्रदेश) के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) और रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।ED इस बात की जाँच कर रहा है कि हवाला के जरिए कितनी राशि विदेश भेजी गई और इसका उपयोग कैसे हुआ।गिरफ्तारियाँ और कानूनी कार्रवाई:उत्तराखंड में पाँच लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें जगमोहन सिंह बिष्ट, उनकी पत्नी उर्मिला बिष्ट, प्रज्ञा रावत, विनीत सिंह, और गिरीश चंद्र बिष्ट शामिल हैं।बाराबंकी में भी पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो 900 निवेशकों से 75 करोड़ रुपये की ठगी में शामिल थे।ED ने अभी तक समीर अग्रवाल को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन उनकी संपत्तियों की पहचान और जब्ती की प्रक्रिया चल रही है।वर्तमान स्थिति:ED की जाँच में वित्तीय लेनदेन, हवाला नेटवर्क, और विदेश में स्थानांतरित धन की ट्रैकिंग पर ध्यान केंद्रित है।उत्तराखंड पुलिस और CB-CID ने LUCC की 35 शाखाओं (जैसे कोटद्वार, डुगड्डा, सतपुली, श्रीनगर, देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी) की जाँच तेज कर दी है।निवेशकों से ठगी गई राशि की वसूली और दोषियों को सजा दिलाने के लिए ED और अन्य एजेंसियाँ समन्वय में काम कर रही

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