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विभागीय उदासीनता दुर्लभ प्रजाति के मादा हिरण को कुत्तों ने किया घायल

विभागीय उदासीनता दुर्लभ प्रजाति के मादा हिरण को कुत्तों ने किया घायल
खीरी प्रयागराज वैसे तो सरकार के तरफ से बड़ी-बड़ी बातें की जाती है कि किसी भी जीव प्राणी की क्षति न पहुंचे यह सब हवा हवाई साबित हो रहा है जीता जागता उदाहरण यह है कि सुरक्षा और रखरखाव के अभाव में लगातार दम तोड़ रहे हैं दुर्लभ प्रजाति के काले हिरण मेजा तहसील के कृष्ण मृग क्षेत्र चांद खमरिया में हिरणों का दुर्दशा वन विभाग की घोर लापरवाही से आए दिन वर्ष में सैकड़ो की संख्या से अधिक दुर्लभ प्रजाति के हिरणों की मौत हो जाती है कभी पानी के अभाव में मरते हैं तो कभी कुत्तों के हमले से घायल होने के बाद उनकी मौत हो जाती है प्राप्त जानकारी के अनुसार महुली गांव निवासी पप्पू पाल ने बताया कि गुरुवार को दिन में हमारे घर के पास दुर्लभ जाति के मादा हिरण प्यास बुझाने के लिए गांव में आ गया जिसे कुत्तों ने दौड़ा कर उन्हें घायल कर दिए जिससे मौके पर मौजूद लोगों ने कुत्तों से बचाने का प्रयास किया गया तब तक कुत्तों के हमले से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और तड़पने लगा जिसकी सूचना स्थानी पुलिस और वन कर्मियों को देने पर पुलिस और वनकर्मी मौके पर पहुंचकर घायल मादा हिरण का इलाज करके बन के तरफ लेकर चले गए चांद खमरिया गांव निवासी पूर्व प्रधान नारायण पांडे ने बताया कि 17 अप्रैल को एक मादा हिरण की मौत हो गई जिसे बन कर्मियों ने सम्मान के साथ तिरंगे में लपेटकर अंतिम संस्कार किया गया क्षेत्रीय ग्रामीणों ने सरकार एवं वन विभाग का ध्यान आकर्षित कराते हुए दुर्लभ प्रजाति के कल हिरनों की अस्तित्व की रक्षा करने की लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है जिससे इनका अस्तित्व हमेशा क्षेत्र में कायम रहे

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