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180 दिनों में भुगतान न करने पर ITC रिवर्सल: GST नियम 37 में अहम बदलाव

नोहर: कर विशेषज्ञ अधिवक्ता अरविंद अग्रवाल ने जानकारी दी है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के नियम 37 के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण प्रावधान लागू किया गया है, जिसके अनुसार अगर किसी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स ने 180 दिनों के भीतर सप्लायर को भुगतान नहीं किया, तो उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) रिवर्स कर दिया जाएगा।

क्या कहता है नियम 37?
CGST एक्ट, 2017 की धारा 16(2) के अनुसार, रजिस्टर्ड व्यक्ति को उस समय ITC का लाभ मिलता है जब वह किसी सप्लायर से माल या सेवा खरीदता है। परंतु यह लाभ तभी तक मान्य रहेगा जब तक संबंधित भुगतान और उस पर देय टैक्स की राशि चालान जारी होने की तारीख से 180 दिनों के भीतर चुकता कर दी जाए।

180 दिन के भीतर भुगतान अनिवार्य
अगर 180 दिनों के भीतर भुगतान नहीं होता, तो उस खरीद पर लिए गए ITC को रिवर्स किया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि टैक्सपेयर्स को उतनी राशि दोबारा सरकार को चुकानी होगी। यह प्रावधान टैक्स चोरी और भुगतान में अनावश्यक देरी को रोकने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

व्यवसायियों के लिए चेतावनी
Adv. Arvind Aggarwal ने व्यापारियों और करदाताओं को सलाह दी है कि वे अपनी खरीदारी से संबंधित भुगतानों की समयसीमा पर विशेष ध्यान दें और 180 दिनों के भीतर सभी भुगतान सुनिश्चित करें, ताकि ITC की सुविधा से वंचित न होना पड़े।

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