
संभल: गैंगस्टर शारिक साठा का काला कारोबार उजागर, सरकारी खाते में गई संपत्ति
संभल: संभल हिंसा में भूमिका निभाने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर शारिक साठा पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस की सख्त पैरवी के बाद अदालत ने शारिक साठा और उसके साथी सिकंदर की 2 करोड़ 31 लाख रुपये की संपत्ति को सरकार में निहित करने का आदेश पारित किया है। यह संपत्ति 2011 में कुर्क की गई थी।
24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में दुबई में बैठे गैंगस्टर शारिक साठा की संलिप्तता सामने आई थी। पुलिस का आरोप है कि शारिक के गैंग ने हिंसा के लिए हथियार मुहैया कराए और अपने गुर्गों को भीड़ में शामिल कर गोलीबारी करवाई, जिससे चार युवकों की मौत हुई।
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शारिक साठा और सिकंदर के खिलाफ 2009 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद 2011 में शारिक की पत्नी गुलेरोशन और सिकंदर की पत्नी सजा परवीन के नाम पर तुर्तीपुर इल्हा में खरीदी गई 268 वर्ग मीटर भूमि को जिलाधिकारी द्वारा कुर्क कर लिया गया था।
संभल हिंसा के बाद इस मामले में पुलिस ने अदालत में मजबूती से पैरवी की। अब अदालत ने इस जमीन को सरकार में निहित कर लोक कल्याणकारी कार्यों में उपयोग करने का आदेश दिया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब किसी अपराधी की संपत्ति कुर्क की जाती है, तो उसे यह साबित करना होता है कि उसने वह संपत्ति वैध साधनों से अर्जित की है। कई अवसर दिए जाने के बावजूद शारिक साठा और सिकंदर यह प्रमाणित नहीं कर सके कि उन्होंने अपराध की दुनिया से इतर किसी अन्य माध्यम से यह संपत्ति अर्जित की थी