
पहलगाम हमले को सिर्फ धर्म से जोड़कर सरकार की नाकामियों पर पर्दा न डालें
पहलगाम में इतना बड़ा हमला हुआ है,२८ लोग के मारे जाने की अब तक आधिकारिक घोषणा हुआ है,
टुच्चे अब एक बात की रट लगाएं हैं कि जाति पूछ के नहीं धर्म पूछ कर हमला हुआ, जो हुआ वह गलत ही नहीं बहुत गलत है उसे कोई सही नहीं ठहरा रहा लेकिन रही बात जाति की तो हां जाति पूछ के जो यहां मारते है, वो कैसे उससे कम गलत है ,अपराध अपराध है चाहे वो धर्म जाती लिंग भाषा जिस आधार पर हो, धर्म पूछ के वहां मारा गया,जाती पूछ के यहां मारा जा रहा ,यहां तो हिंदी भाषी से मराठी बुलवा के मारा जा रहा ,और वीडियो भी जारी की जा रही और कारवाई के नाम पर शून्य है,मरता तो वह है जिसे जाति धर्म से मतलब नहीं
आगरा में जाति के नाम पर ही २००० राजपूत इकठ्ठा हुए थे तलवार लेकर और सरकार मुस्कुरा रही थी
बढ़ावा दे रहे थी, जाति के नाम पर जुबान काटने वालों को करोड़ों का इनाम देने की घोषणा हो रही थी , टीवी डिबेट में लाइव आकर जातिगत बयानबाजी जान से मारने की धमकियां दी जा रही थी,किसी को न टीवी वाले रोके न सरकार प्रशाशन ने किसी को गिरफ्तार किया अभी एक हफ्ते पहले ठाकुरों के यहां काम न करने पर दलित के लड़के को जिंदा जला के मार डाला गया जाति के नाम पर, और सरकार उन्हें बचा रही हाथरस मे जब दलित लड़की का रेप करके मार दिया गया प्रशाशन ने रात में लाश फूंक दी ,रेपिस्ट सब बड़ी जाति के थे उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बयान दे दिया था कि नहीं रेप ही नहीं हुआ ...B.H.U. वाराणसी उत्तर प्रदेश में पढ़ने वाली छात्रा का पिस्टल दिखाकर बलात्कार किया तीन लोगों ने वह तो भाजपा के कार्यकर्ता थे जो राज्य उनकी सरकार है बरी हो गए किसलिए जाति के नाम पर
दलित की बारात में घोड़े पर चढ़ कर जाने पर हर महीने मार दिया जा रहा ,,,देश के भीतर तो हर घटना हो रही जाति के नाम पर ,, सरकारी कार्यालय निजी कार्यालय हर जगह ये जहर फैला हुआ है,और पढ़े लिखो के बीच तो ज्यादा ही फलफूल रहा है, यहां तक कि शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में भेदभाव हो रहा जाति के नाम पर ,राजस्थान में तो एक दलित बच्चा स्कूल में बस बड़ी जाती के मास्टर के मटके से पानी पी लिया था उसे मास्टर ने इतना मारा कि मर गया बच्चा......ऐसे सैकड़ों केश रोज आ रहे हैं और हजारों तो सामने भी नहीं आ पाते कौन ज्यादा खतरनाक आतंकवादी है जाति देखने वाला की धर्म देखने वाला....
और इस घटना में धर्म को पकड़कर सरकार की नाकामी को बचाया जा रहा है देश सुरक्षित हाथ में है, चौकीदार के हाथ में है ,५६ इंच का सीना है, कहा गया ओ बड़ी बड़ी बातें पुलवामा हमला जो सेना के जवानों पर हुआ था इसी ५६इंची के सरकार में ही हुआ था ,,आज ये हमला भी इन्हीं के समय हुआ फिर भी तूरा की ५६ इंच के हाथ में देश सुरक्षित है
धर्म का तर्क देने वाले ये बताए कि कौन सा पहली दफा है ओ तो हमेशा धर्म देखकर पूछकर मारते है,,,,आपने बचने के लिए क्या किया है ये बताइए,,,,,हमेशा इन हमलों में आम जनता ही क्यों मारी जाती है कोई नेता मंत्री क्यों न मारा जा रहा सोचिए ये बातें सोचने वाली है......
ऋषि समीर प्रयागराज