अवसर की जरूरत नहीं होती जिनके अंदर जज्बा होता है, वह बदल देते हैं तस्वीर।
राजेश सोनी रीवा .......?किसी ने कहा है कि अगर हमारे अंदर जज्बा है तो मुश्किलों को भी अवसर में बदल देते हैं यह किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं जिस व्यक्ति के अंदर लगन कुछ करने की कुछ कर दिखाने की होती है वह किसी के मोहताज नहीं होते चाहे उन्हें विरासत में ही निराश क्यों न मिली हो या फिर उन्हें किसी का सहयोग प्रदान हो या ना हो वह किसी भी चीज की रूपरेखा बदल सकते हैं कई कहानियां कई किस्से है ऐसे लोगों की ऐसे ही एक युवा के सरपंच ज्ञानेंद्र सिंह ने कर दिखाया है उन्होंने इस गांव में गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करने के वाले बच्चों के लिए निशुल्क कोचिंग सुविधा प्रारंभ की साथी योग के लिए योग केंद्र स्वस्थ रखने के लिए एक प्रयास किया है इसके अलावा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार के कई अवसर उपलब्ध कारण ज्ञानेंद्र सिंह ने अपने ही पंचायत के एक ऐसे ऐतिहासिक स्थान जो उन्हें विरासत में मिली थी इस गांव में एक बाबरी थी जहां पर महादेव का मंदिर है यहां पर हर साल महाशिवरात्रि के समय एक भव्य और दिव्या मेला का आयोजन होता था लेकिन समय के बिताते हुए यह बावड़ी ग्रस्त होती गई और यह अपने रूप को अपने अस्तित्व को को रहा था लेकिन जॉइनिंग सिंह ने कुछ कर दिखाने की चाय को इस मुश्किल घड़ी को इस मुश्किल काम को अवसर के रूप में बदल इसकी देखरेख इसका संरक्षण किया और आज यह बावड़ी अपने पुणे रूप में है और जहां पर फिर से इस बावड़ी को जीवन आधार कराकर उसे मूल रूप में लाया और आज यहां पर फिर से हर वर्ष की भांति महाशिवरात्रि में मेरा लगता है दूर-दूर से लोग यहां आते हैं इस पंचायत में सड़क पानी बिजली स्वच्छता और अन्य से कम जिसे ज्ञानेंद्र सिंह ने किया है इन्होंने मुश्किलों को अवसर में बदला है ऐसे बहुत से कार्य है जो अभी भी इनके द्वारा किए जा रहे हैं