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जन प्रतिनिधि इंदौर आल इंडिया मीडिया एसोसिएशन बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी ----- बाल विवाह पाये जाने पर होगी कार्रवाई ---- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक के विवाह को प्रतिषेध किया गया है। जो कोई किसी बाल विवाह को सम्पन्न करेगा, संचालित करेगा, निर्दिष्ट करेगा या दुष्प्रेरित करेगा, ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक

जन प्रतिनिधि इंदौर आल इंडिया मीडिया एसोसिएशन बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
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बाल विवाह पाये जाने पर होगी कार्रवाई
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बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक के विवाह को प्रतिषेध किया गया है। जो कोई किसी बाल विवाह को सम्पन्न करेगा, संचालित करेगा, निर्दिष्ट करेगा या दुष्प्रेरित करेगा, ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही के विधिक प्रावधान बनाये गये है ।
राज्य शासन द्वारा बाल विवाह रोकथाम के लिए विस्तृत निर्देश जारी किये गये है। जिले में बाल विवाह पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बाल विवाह के रोकथाम के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 (1) (2) एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं।
अक्षया तृतीया (अखतीज) एवं अन्य धार्मिक अवसरों पर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विभिन्न समाज एवं संगठनों द्वारा सामूहिक विवाह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराये जाते है। इस दौरान बाल विवाह के आयोजन की आशंका रहती है।
पूर्व वर्षों की भांति बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के विधिक प्रावधानों एवं शासकीय निर्देशों का पालन कराने हेतु इन्दौर जिले की राजस्व सीमा अन्तर्गत बाल विवाह की रोकथाम एवं इस सामाजिक बुराई के निवारण के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 (1) (2) भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं।
जारी आदेशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, कोटवार, शौर्या दल, चाईल्ड लाईन, लाडो अभियान कोर सदस्य इत्यादि की जवाबदारी निर्धारित की गयी है कि क्षेत्र में कोई भी विवाह योग्य विधि अनुरूप मान्य उम्र (बालक का विवाह 21 वर्ष व बालिका का विवाह 18 वर्ष) के पूर्व ना हो। कहा गया है कि बाल विवाह की दशा में शिकायत स्थानीय पुलिस थाना, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों, चाईल्ड लाईन 1098 पर कराई जायें। सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों से शपथ पत्र प्राप्त लेवें कि वे अपने आयोजनों में बाल विवाह को नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिन्टिंग प्रेस, टेंट हाऊस, शादी के गार्डन धर्मशाला मालिक, हलवाई, केटरर, धर्म गुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाले, नाई, ब्यूटी पार्लर, ट्रांसपोर्टर इत्यादि सेवा प्रदाता भी उम्र से संबंधित प्रमाण-पत्र प्राप्त कर परीक्षण कर (बालक 21 वर्ष या उससे अधिक व बालिका 18 वर्ष या उससे अधिक) के उपरान्त ही सेवायें प्रदान करेंगे। अपनी संस्था में यह नोटिस चस्पा करेंगे कि "लाडो अभियान के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह होने के कारण सेवायें नहीं देंगे"।
वर-वधू के आयु का प्रमाण प्रिन्टिंग प्रेस वालों के पास रहे, इसके बाद ही वह विवाह निमंत्रण को प्रिंट करें। विभिन्न समाजों के धर्मस्थलों के सूचना पटल पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम व सजा का उल्लेख किया जाये। बाल विवाह रोकथाम अन्तर्गत आदेशित कर्मचारी/अधिकारी गांव/मोहल्लों/वार्ड के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, उन्हें समन्वित रूप से समझायेंगे। यदि आवश्यक हो तो, कानूनी प्रावधानों अनुसार बाल विवाह को रोकने की कार्यवाही की जायेगी। अक्षय तृतीया एवं अन्य अवसरों पर बाल विवाह रोकथाम अभियान के अन्तर्गत गठित दलों द्वारा सामूहिक विवाहो का निरीक्षण किया जायेगा। यदि कही पर बाल विवाह होना पाया जाता है तो विधि अनुरूप कार्यवाही की जायेगी।
इन्दौर जिले में स्थित विद्यालय/स्कूलों/कॉलेजों/कोचिंग संस्थान आदि के प्रभारी/प्राचार्य/संचालक उनकी संस्था में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को विवाह हेतु विधि अनुरूप मान्य आयु से अवगत कराएंगे एवं बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी देंगे। सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक दण्डाधिकारी, पुलिस के थाना प्रभारी, पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी, महिला सशक्तीकरण/महिला बाल विकास के सभी अधिकारी उक्त आदेश का पालन एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित करायेंगे।
जो भी व्यक्ति अथवा संगठन उक्त आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके विरूद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के दण्डात्मक प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश दिनांक 25 अप्रैल 2025 से आगामी 23 जून 2025 तक की अवधि में प्रभावशील रहेगा।

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