logo

एक शाम कवियत्री बीना सिंह "मंगल" के नाम का हुआ आयोजन


*जिगर पे उसने जब दुश्मन का लोहा खाया होगा।*
*माँ भारती ने भी अपना आंचल फैलाया होगा।*

मेरठ - राष्ट्रीय काव्य संग्रह मंच द्वारा एक शाम सुप्रसिद्ध कवयित्री बीना सिंह मंगल के नाम एवं उनकी पुस्तक कृतिकांजली का लोकापर्ण एडवांस फिजियोथेरेपी के हॉल में फूलबाग कॉलोनी में आयोजित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ किरण सिंह ने की । विशिष्ठ अतिथि सत्य पाल सत्यम , ओमकार गुलशन,सुबोध गर्ग ,एवं महेश हंसमुख रहे। समीक्षा डोरी लाल भास्कर ने की दीप प्रज्वलित नीलम मिश्रा तरंग, मंगल सिंह मंगल, बीना मंगल ,रेखा गिरीश, सत्यम पाल सत्यम, चरण सिंह स्वामी जी ने किया सरस्वती वंदना रीना मित्तल ने की , संचालन सरामगोपाल भारतीय और नीलम मिश्रा ने किया।
पुस्तक का प्रकाशन नीतीश राजपूत के पंख प्रकाशन के द्वारा हुआ। चरण सिंह स्वामी ने पुलवामा हमले पर कविता पढ़ते हुए कहा- जो निगल रहे शांति को, कुचल रहे क्रांति को, उनको हर फटेहाल मुबारक, उनको नित नए जंजाल मुबारक, ना हो उन्हें नया साल मुबारक।
गोपाल जानम यूं कहा
कंगन चूड़ा पहन के, सदमे में है नार ।
देख पिया की लाश को तड़प के रोए प्यार ।
बीना मंगल ने कहा
समुद्र में आती है लहरें और जाती है लहरें
हम सब लोगों के मन की भाती हैं लहरें
खड़ी हूं किनारे पर किसी सोच में
न जाने कब नहला कर स्नान करवा कर चली गई लहरें
मंगल सिंह मंगल ने कहा
डाॅ नीलम मिश्रा ने कहा
जिगर पे उसने जब दुश्मन का लोहा
माँ भारती ने भी अपना आंचल फैलाया होगा
अश्क भी छलक आये होंगे उस बेरहम मौत के भी
जब तिरंगे ने रो रो कर उसे गले लगाया होगा।
ललित तारा ,शैलेन्द्र शैल , वीरेन्द्र शर्मा , दीवान गिरी गोस्वामी , रेखा गिरीश, ध्रुव श्रीवास्तव, अरुणा पवार, मेहता ,रीना मित्तल ,पूनम शर्मा, उज्जवल प्रताप कौशिक, प्रदीप कुमार अग्रवाल, मुक्त शर्मा नंदिनी रस्तोगी तरुण रस्तोगी आदि ने काव्य पाठ किया

71
1435 views