
सफलता_की_कहानी
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में बैतूल जिले में औद्योगिक विकास को मिली नई गति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे है। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2025 को उद्योग एवं रोजगार वर्ष घोषित किया गया है, जिसके अंतर्गत बैतूल जिले में भी औद्योगीकरण को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में आगामी समय में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जाएगी। इस दिशा में वर्तमान में बैतूल जिले में तीन नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
जिला उद्योग बैतूल महाप्रबंधक श्री रोहित डाबर ने बताया कि बैतूल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कढ़ाई में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत वुडन एवं फर्नीचर क्लस्टर का निर्माण 20 हेक्टेयर भूमि पर किया जा रहा है। इस क्लस्टर में वर्ष 2025 में भूमि आवंटन कर लगभग 101 लकड़ी आधारित उद्योगों की स्थापना की जाएगी। इनमें मुख्यतः फर्नीचर, लकड़ी के खिलौने, वीनीयर्स तथा डेकोरेटिव आइटम्स जैसे उद्योग शामिल होंगे। इस वुडन क्लस्टर के माध्यम से जिले में 2000 से 3000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा तथा लगभग 200 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित होने की संभावना है। इसी प्रकार मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मोही में औद्योगिक क्षेत्र मोही की स्थापना की जा रही है। प्रथम चरण में 6.23 हेक्टेयर भूमि पर 34 एमएसएमई इकाइयों को विकसित किया जाएगा। इनमें खाद्य प्रसंस्करण, सीमेंट, खनिज मिनरल्स और लकड़ी आधारित उद्योग प्रमुख हैं। वर्ष 2025 में इन इकाइयों के भूमि आवंटन से लगभग 50 करोड़ रुपए का निवेश आएगा और 800 से 1000 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा।
चोरडोंगरी में हो रहा इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिक क्लस्टर का विकास
उन्होंने बताया कि आमला विधानसभा क्षेत्र में भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के तहत ग्राम चोरडोंगरी में इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिक क्लस्टर का विकास किया जा रहा है। इसमें सेमीकंडक्टर, सोलर उपकरण, ट्रांसफार्मर निर्माण, इंजीनियरिंग व धातु आधारित उद्योगों की 71 इकाइयों को भूमि आवंटित की जाएगी। इस क्लस्टर से लगभग 100 करोड़ रुपए का निवेश आने तथा 1500 से 2000 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों से न केवल जिले के औद्योगीकरण को गति मिलेगी बल्कि युवाओं के लिए व्यापक रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इससे जिले के आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।