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अमदाबाद में ज़मीन विवाद बना खूनी संघर्ष — पुलिस पर लापरवाही ही नहीं, मिलीभगत के भी गंभीर आरोप"*

*"अमदाबाद में ज़मीन विवाद बना खूनी संघर्ष — पुलिस पर लापरवाही ही नहीं, मिलीभगत के भी गंभीर आरोप"*


कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड के नीरपुर चन्नी गांव में ज़मीन विवाद के चलते एक युवक पर धारदार हथियार से हमला किया गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में जितनी गंभीरता हमलावर पक्ष की है, उतनी ही चिंताजनक भूमिका पुलिस की भी बताई जा रही है।

वार्ड संख्या 11 में रविवार को हुई इस हिंसक झड़प में शेख आज़ाद नामक युवक बुरी तरह घायल हो गया। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़ित परिवारों का आरोप है कि यह हमला कोई अचानक नहीं था, बल्कि पहले से ही साजिश के तहत किया गया। उनका कहना है कि कई बार पुलिस को ज़मीन विवाद की जानकारी दी गई थी, लेकिन पुलिस ने हर बार मामले को नज़रअंदाज़ किया।

सबसे गंभीर बात यह है कि पीड़ित परिवारों ने अब पुलिस पर दूसरे पक्ष से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने शिकायतों के बावजूद जानबूझकर कार्रवाई नहीं की, जिससे हमलावर पक्ष को खुली छूट मिल गई। गांव वालों का यह भी कहना है कि 23 अप्रैल को जब दोनों पक्षों में झड़प हुई थी, तब भी पुलिस ने सिर्फ़ कागज़ी कार्रवाई कर मामले को रफा-दफा कर दिया। और रविवार को जब स्थिति दोबारा बिगड़ी, तो पुलिस फिर नाकाम रही।

अब जब हमला हो चुका है, पुलिस ने दोनों पक्षों से एक-एक आरोपी को गिरफ़्तार कर खानापूरी शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष कुंदन कुमार का कहना है कि जांच चल रही है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।

लेकिन सवाल वही है —अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती, अगर निष्पक्षता से काम करती, तो क्या इस हिंसा को टाला नहीं जा सकता था?
क्या जिन लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस पर है, वही आज खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं?

फिलहाल प्रीत परिवारों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।..ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।हालांकि, पीड़ित परिवारों द्वारा लगाए गए मिलीभगत के आरोप गंभीर हैं, लेकिन अब इन आरोपों में कितनी सच्चाई है — यह तो पुलिस जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।

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