
दिल्ली सरकार ने स्कूल फीस एक्ट को दी मंजूरी ,बिहार में कब लागू होगा यह कानून ?
दिल्ली सरकार ने स्कूल फीस एक्ट को दी मंजूरी
बिहार में कब लागू होगा यह कानून ?
नन्द कुमार सिंह/ब्यूरो चीफ, राष्ट्रीय प्रसार--
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को स्कूल फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बनाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल ने दिन में दिल्ली स्कूल फीस निर्धारण (पारदर्शी और विनियमन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह दिल्ली के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है। पहली बार बच्चों के भविष्य और अभिभावकों की सुविधा के लिए ऐसा फैसला लिया गया है। अब कोई भी स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा।
अभी तक दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए ऐसा कोई अधिनियम नहीं था। सूद ने कहा कि 1973 के अधिनियम में फीस वृद्धि के खिलाफ कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने पूर्ववर्ती आप सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने महत्वपूर्ण मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया। दूसरी ओर, बच्चों का भविष्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विधेयक जल्द ही विधानसभा से पारित हो जाएगा। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है जिसके तहत दिल्ली के सभी 1677 निजी स्कूलों को फीस के संबंध में दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। नए विधेयक के अनुसार शिक्षा निदेशालय के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों की भी फीस तय करने में भूमिका होगी।
वही बिहार की बात करे तो यहाँ सबसे ज्यादा निजी स्कूल है और लगातार इसकी वृद्धि भी हो रही है परंतु इसपर सरकार का अब तक कोई अंकुश नहीं लग पाया है । ऐसे इसकी बढ़ते आंकड़े की बात करे तो --
प्रारंभिक आंकड़े के अनुसार--2015-16 में, बिहार में निजी स्कूलों में 15.10 लाख छात्र थे.
वृद्धि:
2021-22 तक, यह संख्या 33 लाख से अधिक तक पहुंच गई, जो कि एक महत्वपूर्ण वृद्धि है.
सरकारी स्कूलों में गिरावट:
इसी अवधि के दौरान, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 2.55 करोड़ से घटकर 2.19 करोड़ रह गई, जो यू-डाइस सिस्टम के प्रभाव के कारण हुया है
वही मान्यता की बात करे तो
49,702 निजी विद्यालयों ने मान्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनमें से केवल 11,995 ने ही मान्यता प्राप्त की है फिर भी ये स्कूल चल रहे है जबकि
गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल:
बिहार में 37,000 से अधिक निजी स्कूल ऐसे हैं जिनके पास मान्यता नहीं है.
निष्कर्ष स्पष्ट है कि बिहार में निजी स्कूलों की संख्या में वृद्धि हुई है और उनके पास बच्चों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जबकि सरकारी स्कूलों में गिरावट देखी गई है. ये विद्यालय मनमानी तरीके से अभिभावकों से पैसे ऐंठ रहे है इतना ही नही बल्कि किताब से लेकर ड्रेस तक अपना चला रहे जिसपर अपना मनमानी प्रिंट डाल कर अभिभावकों का जेब लूट रहे है । सरकार सबकुछ जानकर चुप्पी साधे हुए है कब चुप्पी भंग होगा ?