
करनाल जिका के घरौंडा तहसील के गांव चौरा के डॉ दीपक राय 39 वर्ष में KUK में प्रोफेसर बने।
कुवि के प्राणिशास्त्र विभाग में गोल्ड मेडलिस्ट रहे है डॉ दीपक राय
गांव की गलियों से यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बनने तक का सफर हमेशा देता है मेहनत करने की प्रेरणा: डॉ दीपक राय
ममता तिवारी
करनाल जिले के घरौंडा तहसील के गांव चौरा के सरकारी स्कूल से 1998 में दसवीं की परीक्षा पास करके निकले डॉ दीपक राय कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय में प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत हुए हैं। उनकी पदोन्नति 2023 से हुई है। महज 39 साल की उम्र में प्रोफेसर बनने वाले डॉ दीपक राय का कहना है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है।
कुवि में स्नातकोत्तर में गोल्ड मेडलिस्ट लेने से पहले उन्होंने एस डी कॉलेज पानीपत से स्नातक किया था। उसके बाद कुवि के प्राणिशास्त्र विभाग में पढ़कर वहीं शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे है।
उन्होंने कहा कि गांव की गलियों से निकलकर विश्विद्यालय के प्रोफेसर बनने तक का सफर उन्हें और मेहनत करने की प्रेरणा देता है। आज भी जब वे गांव जाते है तो गांव का जीवन एक अलग ही ताजगी और सकारात्मक कार्य करने की प्रेरणा देता है। डॉ दीपक राय 2021 से 2024 तक सबसे कम उम्र के प्राणिशास्त्र विभाग के अध्यक्ष भी रह चुके है। उनके निर्देशन में प्राणिशास्त्र विभाग में जूलॉजी, फॉरेंसिक साइंस स्नातक व स्नातकोत्तर के स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी प्रभावशाली रूप से लागू हुई है। यूनिवर्सिटी की नेक इवेल्यूएशन में भी प्राणिशास्त्र विभाग ने जूलॉजी विषय के मामले में अपना पूरा योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि जीवन में मार्गदर्शक रहे सभी शिक्षकों का आभार हमेशा बना रहता है।