
शारदा नदी पर करोड़ों की परियोजना, सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा रिवर ट्रेनिंग कार्य की प्रगति जांचने पहुंचे डीएम सीतापुर
लखीमपुर खीरी : सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उ०प्र०, लखनऊ द्वारा कटान बचाव हेतु शारदा नदी के दायें तट पर स्थित ग्राम कोल्हूपुरवा व अन्य ग्राम समूहों की बाढ एवं कटान से बचाव हेतु सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा रिवर ट्रेनिंग कार्य को देखने परेवा गांव के पास पहुंचे डीएम सीतापुर, जांची गुणवक्ता जल्द कार्य पूर्ति के दिए निर्देश
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद सीतापुर में शारदा नदी के दायें तट पर स्थित ग्राम कोल्हूपुरवा व अन्य ग्राम समूहों की बाढ एवं कटान से बचाव हेतु करोड़ों रुपए की सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा रिवर ट्रेनिंग परियोजना सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का निरीक्षण करने पहुंचे डीएम सीतापुर अभिषेक आनंद, डीएम ने देखी कार्य प्रगति, गुणवत्तापूर्ण शीघ्र कार्य पूर्ति के लिए निर्देश।सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने 30 मई तक कार्य पूर्ण करने की कही बात, साथ मौजूद रहे एसडीएम सीतापुर, तहसीलदार लेखपाल सहित परियोजना के अधिकारी, वही कार्य स्थल पर डीएम सीतापुर के साथ मौजूद रहे धौरहरा तहसील क्षेत्र के लेखपाल अभिषेक तिवारी सहित विकास अवस्थी।
डीएम सीतापुर अभिषेक आनंद ने बताया ग्राम समूहों को बाढ़ और कटान से बचाने के लिए, सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा नदी कार्य एक प्रभावी तरीका है। यह नदी के तल को साफ करके बाढ़ के पानी के प्रवाह को सुगम बनाता है और नदी के किनारों के कटाव को कम करता है। इस प्रक्रिया में, नदी के किसी विशेष क्षेत्र (सेक्टर) में जमा हुई मिट्टी और अन्य सामग्री को हटाया जाता है, जिससे नदी की गहराई बढ़ती है और पानी का प्रवाह तेज होता है।
*जानते है क्या है सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा रिवर ट्रेनिंग परियोजना*
सेक्टोरल ड्रेजिंग:
इस विधि में, नदी के किसी विशेष क्षेत्र (सेक्टर) में ड्रेजिंग की जाती है। यह क्षेत्र नदी के उन हिस्सों में हो सकता है जहाँ पानी का प्रवाह कम होता है या जहाँ मिट्टी जमा होती है।
नदी कार्य:
ड्रेजिंग के अलावा, नदी में अन्य कार्य भी किए जा सकते हैं, जैसे कि नदी के किनारों को मजबूत करना, बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं का निर्माण करना, और नदी के प्रवाह को नियंत्रित करना।
बाढ़ और कटाव से बचाव:
सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा नदी कार्य बाढ़ और कटाव को कम करने में मदद करता है। ड्रेजिंग के कारण नदी की गहराई बढ़ती है, जिससे बाढ़ का पानी अधिक मात्रा में बह सकता है। नदी के किनारों को मजबूत करने से कटाव कम होता है और नदी के आसपास के क्षेत्र सुरक्षित रहते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के लिए लाभ:
ग्रामीण क्षेत्रों में, बाढ़ और कटाव से होने वाली क्षति बहुत अधिक होती है। सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा नदी कार्य से ग्रामीण क्षेत्र बाढ़ और कटाव से सुरक्षित रहते हैं, जिससे किसानों की फसलें और लोगों की संपत्ति सुरक्षित रहती है।
पर्यावरण पर प्रभाव:
सेक्टोरल ड्रेजिंग के पर्यावरण पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हो सकते हैं। सकारात्मक प्रभाव यह है कि इससे बाढ़ और कटाव कम होता है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाते हैं। नकारात्मक प्रभाव यह है कि ड्रेजिंग से नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो सकता है। इसलिए, ड्रेजिंग करते समय पर्यावरण पर ध्यान रखना चाहिए।
सेक्टोरल ड्रेजिंग द्वारा नदी कार्य एक प्रभावी तरीका है जो ग्रामीण क्षेत्रों को बाढ़ और कटाव से बचाने में मदद करता है। यह कार्य करते समय पर्यावरण पर ध्यान रखना चाहिए और निगरानी करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह कार्य प्रभावी है और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को कोई नुकसान नहीं हुआ है।