जयमंगला गढ़ से मोकामा तक निकाली गई परशुराम जयंती का झांकी।
समाज में समरसता कायम कर ही हिन्दू समाज को संगठित किया जा सकता है। समरसता का भाव ही सनातन है। सनातन धर्म की रक्षा भी इसी के बदौलत संभव है। बुधवार को भगवान परशुराम जयंती पर जयमंगलागढ से मोकामा परशुराम मंदिर तक जानेवाली धर्मयात्रा के शुभारंभ के मौके पर जयमंगला वाहिनी के सदस्यों ने जयमंगलागढ में ये बात कहीं। उन्होंने कहा कि जयमंगला वाहिनी हर साल जयमंगलागढ से मोकामा परशुराम मंदिर तक की यह समरसता धर्मयात्रा निकाल रहा है। यह सनातन समाज को जागृत करने का अवसर होता है। मौके पर भाजपा नेता शालिग्राम सिंह, जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक संजय कुमार, जयमंगला वाहिनी के सिंह मालिक, सुमित कुमार रतनपुर,शुभम कुमार, प्रणव कुमार मिश्र, सुल्तान, अविनाश भूमिहार,अभिषेक कुमार, अमृतांशु, सौरभ कुमार कुमार आदि थे। यह यात्रा जयमंगलागढ से मंझौल सतियारा चौक होते बेगूसराय, सिंघौल जीरोमाइल होते मोकामा तक गई। दर्जनों बाइक और वाहनों पर सवार वाहिनी के सदस्यों द्वारा जय परशुराम का नारा लगाते हुए यह यात्रा पूरी की गई।