
Bihar Election से पहले चुनाव आयोग का बड़ा कदम, मतदाता सूची में सुधार और वोटिंग को आसान बनाने के लिए 3 नई पहल
Election Commission: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में सुधार और वोटिंग को आसान बनाने के लिए तीन नई पहल की है। माना जा रहा है कि चुनाव आयोग के इस कदम से चुनाव की प्रक्रिया पारदर्शी और मतदाता सूची में सुधार और वोटिंग को आसान बनाने में मदद होगी।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों को और ज्यादा सटीक और भरोसेमंद बनाने के लिए तीन नई पहल शुरू की है। चुनाव आयोग भारत के पंजीयक जनरल (RGI) से मृत्यु पंजीकरण डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा। इससे मतदाता सूची को तेजी से और सटीक रूप से अपडेट किया जा सकेगा। चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पंजीकृत मौतों के बारे में समय पर जानकारी मिल जाएगी और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को मृतक के परिजनों के औपचारिक अनुरोध की प्रतीक्षा किए बिना, क्षेत्र का दौरा करके जानकारी का दोबारा सत्यापन करने की अनुमति मिल जाएगी।
चुनाव आयोग ने की ये तीन नई पहल
चुनाव की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में सुधार और वोटिंग को आसान बनाने के लिए तीन नई पहल की है। चुनाव आयोग का कहना है कि ये सभी कदम विश्वास, पारदर्शिता और सहूलियत बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास हैं।
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पहली घोषणा मृत्यु पंजीकरण के डेटा से संबंधित है। इसके तहत अब चुनाव आयोग को भारत के पंजीयक जनरल से मृत लोगों का रिकॉर्ड सीधे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मिल जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि मृतकों के नाम समय पर मतदाता सूची से हटाया जाए। निर्वाचन आयोग को मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत ऐसे विवरण मांगने का अधिकार है।
दूसरा, मतदाता पर्ची को मतदाता के और अनुकूल बनाया जाएगा। वोटर का सीरियल नंबर अब बड़े फॉन्ट में दिखेगा। इससे मतदाताओं को अपनें पोलिंग स्टेशन को पहचानना आसान होगा और चुनाव अधिकारी भी जल्दी से नाम ढूंढ़ सकेंगे।
तीसरे एलान के तहत अब हर बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) को एक मानक फोटो पहचान पत्र दिया जाएगा, ताकि जब वे घर-घर जाकर मतदाताओं से मिलें तो लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें। साथ ही भरोसे से बात कर सकें।