
अमानवीयता की पराकाष्ठा: पहलगाम हमला और हमारा सामूहिक उत्तरदायित्व
लेखक: पियूष सोनी; 7389019990
कश्मीर घाटी के सुरम्य स्थल पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह हमला न केवल अमानवीयता की पराकाष्ठा है, बल्कि हमारे राष्ट्रीय ताने-बाने पर भी एक क्रूर आघात है। 28 निर्दोष पर्यटकों की हत्या न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि यह मानवता के विरुद्ध किया गया एक खुला युद्ध है।
जब हम किसी प्राकृतिक स्थल पर पर्यटन के लिए जाते हैं, तो हमारे मन में सुकून, शांति और सौंदर्य की कल्पना होती है। पहलगाम जैसे स्थल, जो वर्षों से शांति, संस्कृति और प्रकृति प्रेमियों का आकर्षण केंद्र रहा है, अब आंसुओं, मातम और खून के रंग से भीग गया है। जिन परिवारों ने अपनों को इस यात्रा के लिए विदा किया था, उन्हें कभी सोचा भी नहीं होगा कि यह यात्रा उनकी जिंदगी की सबसे गहरी चोट बन जाएगी।
यह हमला केवल उन 28 परिवारों पर नहीं, बल्कि पूरे भारत पर एक गहरा घाव है। जिन निर्दोष पर्यटकों ने इस त्रासदी में अपने प्राण गंवाए, वे हमारी साझी सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि थे — अलग-अलग प्रांतों, भाषाओं और समुदायों से आए वे भारत के एकसूत्रता के प्रतीक थे।
हम इस भीषण त्रासदी के लिए केवल आतंकियों को ही दोषी नहीं ठहरा सकते। यह घटना हमारी सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की कमियों की ओर भी इशारा करती है। अब समय आ गया है कि हम केवल बयानबाजी से ऊपर उठकर ठोस कार्यवाही करें। घाटी में शांति और विश्वास की स्थापना के लिए हमें दृढ़ इच्छाशक्ति, पारदर्शिता और सामूहिक सहयोग की आवश्यकता है।
"मैं उन सभी निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ जिन्होंने इस बर्बर हमले में अपनी जान गंवाई। मेरी संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं जो अपनों को खोकर शोकाकुल हैं। शब्द शायद उनके दर्द को कम नहीं कर सकते, परन्तु यह लेख उनके प्रति एक छोटी-सी श्रद्धांजलि है।
हम सभी भारतवासियों को एकजुट होकर आतंकवाद के विरुद्ध न केवल आवाज उठानी होगी, बल्कि ऐसी नीतियाँ और उपाय अपनाने होंगे जिससे भविष्य में कोई पहलगाम, कोई अमरनाथ यात्रा या कोई धार्मिक-पर्यटन स्थल खून से लाल न हो।
आज हमें एक होकर यह संकल्प लेना होगा कि आतंक के हर चेहरे को बेनकाब करेंगे, हर हमले का जवाब राष्ट्रीय एकता और मानवीय मूल्यों की मजबूती से देंगे। हम टूटेंगे नहीं, बल्कि हर शहीद की याद में और मजबूत बनेंगे।" - Piyush Soni
• Dist President (Intellectual Press Council)
• Chief Editor (The Hind News)
• Sub Editor (Today's Indian)
(यह लेख लेखक की व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है।)