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किसानों का श्योपुर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, निरस्त करने और गेहूं खरीद की तिथि बढ़ाने की मांग


➡️राधेश्याम मीणा मूंडला के नेतृत्व में किसानों ने प्रशासन को चेताया

➡️समस्याएं हल नहीं हुईं तो होगा उग्र आंदोलन।

✍️श्योपुर / शुक्रवार को श्योपुर कलेक्ट्रेट पर जिलेभर के किसानों ने संघर्षशील किसान नेता श्री राधेश्याम मीणा मूंडला के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए गेहूं की नरवाई जलाने के आरोप में लगाए गए जुर्माने का विरोध किया तथा गेहूं खरीदी की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की। प्रदर्शन के उपरांत किसानों ने कलेक्टर श्री अर्पित वर्मा के नाम डिप्टी कलेक्टर श्री संजय जैन को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी दो प्रमुख मांगें रखीं। पहली मांग के तहत किसानों ने बताया कि श्योपुर जिले में गेहूं खरीदी अन्य जिलों की तुलना में विलंब से शुरू हुई, जिससे उपज बेचने के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला। साथ ही मौसम जनित बाधाएं, ढुलाई व्यवस्था की कठिनाइयाँ, श्रमिकों की कमी एवं मशीनों की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं के कारण किसान समय पर उपार्जन केंद्रों तक अपनी फसल नहीं पहुँचा सके। किसानों ने प्रशासन से आग्रह किया कि खरीदी की अंतिम तिथि 5 मई से बढ़ाकर 25 मई 2025 की जाए, ताकि सभी किसान समर्थन मूल्य का लाभ प्राप्त कर सकें। दूसरी मांग में किसानों ने आरोप लगाया कि नरवाई जलाने की घटनाओं में कई किसानों पर बिना उचित जाँच के जुर्माना लगाया गया है, जबकि अधिकांश मामलों में विद्युत विभाग की लापरवाही, विभागीय कमियाँ या मौसमीय परिस्थितियाँ जिम्मेदार रही हैं। उन्होंने मांग की कि निर्दोष किसानों पर लगाया गया जुर्माना तुरंत निरस्त किया जाए और हर मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। इसके अतिरिक्त, किसानों ने सुझाव दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासन स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे तथा किसानों को नरवाई प्रबंधन के वैकल्पिक यंत्र एवं प्रशिक्षण प्रदान किए जाएं। साथ ही बिजली विभाग की जिम्मेदारी तय कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर किसान नेता श्री राधेश्याम मीणा मूंडला ने कहा, “किसान देश का अन्नदाता है, और हमें विश्वास है कि प्रशासन हमारी समस्याओं को समझेगा और उचित समाधान करेगा। अगर हमारी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो हमें आंदोलन तेज करना पड़ेगा।”
किसानों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे व्यापक स्तर पर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।इस प्रदर्शन में किसान नेता महावीर मीणा तुलसेफ, सरपंच रामावतार मीणा, देवकरण मीणा, रामसिंह मीणा, बलराम नागर, महावीर नागर, हरीशंकर, रमेश सुमन, रामप्रसाद नागर, धनराज नागर, कन्हैयालाल, रामचरण मीणा, प्रहलाद, जयराम, बद्रीलाल, राजू मीणा, संतोष मीणा रामनिवास मीणा,कमल,मान सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में किसान जन उपस्थित रहे।

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