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फर्नीचर फैक्ट्री पर छापा मारकर सागवान के सैकड़ों गट्टे किए जप्त 3 रेंज की टीमों ने की संयुक्त कार्यवाही।

जिले के धरियावद कस्बे में वन विभाग की संयुक्त टीम ने अवैध लकड़ी कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। श्री सांवरिया फर्नीचर फैक्ट्री पर की गई इस छापेमारी में भारी मात्रा में सागवान लकड़ी बरामद की गई, जो बिना किसी वैध दस्तावेजों के फैक्ट्री परिसर में रखी गई थी। यह कार्रवाई प्रतापगढ़, धरियावद और लसाड़िया रेंज की संयुक्त टीम द्वारा की गई। विभाग को लंबे समय से फैक्ट्री में अवैध भंडारण की सूचना मिल रही थी, जिस पर आखिरकार बुधवार को कार्रवाई की गई। इस मामले में राजस्थान वन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। उपवन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने बताया कि विभाग को लगातार सूचना मिल रही थी कि धरियावद क्षेत्र में एक फर्नीचर फैक्ट्री में अवैध तरीके से कीमती सागवान लकड़ी को संग्रहित किया जा रहा है और उसका उपयोग फर्नीचर निर्माण में हो रहा है। मुखबिर से पुख्ता जानकारी मिलने के बाद विभाग ने तीन रेंज की टीमों को सक्रिय किया। सहायक वन संरक्षक दिलीप सिंह के नेतृत्व में प्रतापगढ़, धरियावद और लसाड़िया रेंज की संयुक्त टीम ने मौके पर छापेमारी की। जैसे ही टीम फैक्ट्री में पहुंची, वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। जांच के दौरान बड़ी संख्या में सागवान के गट्टे पाए गए, जिनके बारे में कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं किए जा सके। यह लकड़ी कीमती सागवान की थी, जिसका संरक्षण व नियंत्रण सख्ती से वन अधिनियम के अंतर्गत आता है। विभाग ने मौके पर ही सारी लकड़ी जब्त कर ली। कार्रवाई के बाद वन विभाग द्वारा लकड़ी की गिनती की जा रही है, जिसकी संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है। फैक्ट्री मालिक से पूछताछ की जा रही है और विभाग यह भी जांच कर रहा है कि लकड़ी किन स्रोतों से लाई गई थी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक तौर पर यह मामला अवैध रूप से जंगलों से लकड़ी कटाई और तस्करी का प्रतीत होता है। राजस्थान वन अधिनियम की धाराओं के तहत फैक्ट्री मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। विभाग यह भी खंगाल रहा है कि क्या इस काम में अन्य लोग भी शामिल हैं, और कहीं यह किसी संगठित गिरोह का हिस्सा तो नहीं है। इस कार्रवाई से क्षेत्र के अन्य फर्नीचर व्यवसायियों में भी हलचल मच गई है। उपवन संरक्षक सारस्वत ने कहा कि प्रदेश में अवैध लकड़ी कारोबार और फर्नीचर निर्माण को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए विभाग सख्त कदम उठा रहा है। किसी भी कीमत पर जंगलों की अवैध कटाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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