
सहारा पीड़ित जमाकर्ताओं की बैठक: इंडिया गठबंधन बनाएगा भुगतान को प्रमुख चुनावी मुद्दा
पटना, 02 मई 2025: विश्व भारती जनसेवा संस्थान के बैनर तले सहारा इंडिया के पीड़ित जमाकर्ताओं की एक विशाल बैठक शुक्रवार को माननीय विधायक कामरेड सत्यदेव राम के पटना स्थित आवास पर आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण सभा की अध्यक्षता माननीय सांसद श्री सुदामा प्रसाद ने की, जबकि संचालन संस्थान के राष्ट्रीय सचिव श्री नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने किया। बिहार के 23 जिलों से आए सैकड़ों प्रतिनिधियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें सहारा के फंसे धन की वापसी को लेकर गहन चर्चा हुई और इसे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाने का संकल्प लिया गया।
सहारा भुगतान को इंडिया गठबंधन का चुनावी वादा
अपने संबोधन में सांसद सुदामा प्रसाद ने सहारा जमाकर्ताओं के दर्द को रेखांकित करते हुए कहा कि बिहार में लाखों परिवार सहारा में फंसे अपने पैसे के कारण आर्थिक संकट झेल रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इंडिया गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव में सहारा जमाकर्ताओं के भुगतान को अपना प्रमुख मुद्दा बनाएगा और इसे गठबंधन के घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। सुदामा प्रसाद ने सहारा के भुगतान में देरी के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब तक केंद्र में ऐसी सरकार है, जो जमाकर्ताओं के हितों को नजरअंदाज करती है, न्याय मिलना मुश्किल है।”
बिहार में 2 करोड़ जमाकर्ताओं का 1 लाख करोड़ फंसा
विश्व भारती जनसेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने सभा को संबोधित करते हुए सहारा घोटाले की भयावहता को उजागर किया। उन्होंने बताया कि बिहार में लगभग 2 करोड़ जमाकर्ताओं का 1 लाख करोड़ रुपये सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में फंसा हुआ है। कुशवाहा ने दावा किया कि इस आर्थिक संकट ने देशभर में अब तक 10,000 से अधिक लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए सहारा रिफंड पोर्टल को पूरी तरह विफल करार दिया और कहा कि यह पोर्टल केवल दिखावा है, जिससे जमाकर्ताओं को कोई राहत नहीं मिली।
कुशवाहा ने जोर देकर कहा कि जब तक केंद्र और बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में है, जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिलना असंभव है। उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों और जनता से अपील की कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराकर एक ऐसी सरकार लाई जाए, जो सहारा जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करे।
प्रतिनिधियों ने रखी अपनी बात
बैठक में बिहार के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में सहारा पीड़ितों की स्थिति पर प्रकाश डाला। अशोक कुमार राम, मणिभूषण, सियाराम यादव, शुभम कुमार, सोनेलाल साह, राजेश रंजन राजा, शंभू यादव, परवेज जी सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने एक स्वर में सहारा के फंसे धन की त्वरित वापसी की मांग की और इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एकजुट प्रयास करने का आह्वान किया।
संस्थान का संकल्प: सहारा पीड़ितों को न्याय दिलाना
विश्व भारती जनसेवा संस्थान ने इस बैठक के माध्यम से सहारा पीड़ितों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। संस्थान ने घोषणा की कि वह बिहार के प्रत्येक जिले में जागरूकता अभियान चलाएगा और जमाकर्ताओं को उनके अधिकारों के लिए संगठित करेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सहारा के भुगतान के लिए केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
आगे की रणनीति
बैठक के अंत में, उपस्थित प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से यह तय किया कि सहारा जमाकर्ताओं के मुद्दे को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए विश्व भारती जनसेवा संस्थान जल्द ही एक व्यापक रणनीति तैयार करेगा, जिसमें रैलियां, धरना-प्रदर्शन और राजनीतिक दलों के साथ संवाद शामिल होंगे।
यह बैठक सहारा पीड़ितों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है और यह स्पष्ट संदेश देती है कि बिहार में सहारा का मुद्दा अब केवल आर्थिक नहीं, बल्कि एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
समाचार लेखन: नौशाद अली