
दौसा के विप्र गोयल वर्षाजल संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. बीएमएल मु़ंजाल सोशल इम्पैक्ट अवॉर्ड से सम्मानित
दौसा। लक्ष्मीकांत शर्मा
राजस्थान के युवा सामाजिक उद्यमी और आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र विप्र गोयल को जल संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. बीएमएल मु़ंजाल सोशल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित एक समारोह में हीरो समूह की रमन कांत मु़ंजाल फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया गया ।
विप्र गोयल को यह पुरस्कार राजस्थान के सूखा प्रभावित दौसा ज़िले में 250 से अधिक फार्म पौंड (खेत-तलाइयों) के निर्माण के लिए दिया गया है । इन तालाबों के माध्यम से अब तक लगभग 30 करोड़ लीटर वर्षा जल का संरक्षण हुआ है, जिससे किसानों को साल भर सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है और उनकी आय में कई गुना वृद्धि हुई है ।
विप्र गोयल को समारोह में एक स्मृति चिन्ह और ₹1 लाख की सम्मान राशि प्रदान की गई । इस कार्यक्रम में देश के अग्रणी कॉर्पोरेट समूहों, समाजसेवियों और सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया ।
सरकार के पूर्व सलाहकार और नीति आयोग तथा इसरो के पूर्व प्रोजेक्ट प्रमुख रहे विप्र गोयल ने 'अक्ष्वी अवेयर प्राइवेट लिमिटेड' की स्थापना की है, जो ग्रामीण भारत को जल-ऊर्जा-रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मिशन पर कार्य कर रही है । यह कंपनी आईआईटी खड़गपुर के STEP इनक्यूबेटर के मार्गदर्शन में शुरू की गई थी ।
इस अवसर पर विप्र गोयल ने कहा –
"यह पुरस्कार मेरे लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की मेहनतकश जनता के लिए है । हमने साबित किया है कि अगर ग्राम पंचायत स्तर की योजनाएं सही तरीके से बनाई जाएं, तो हर गांव में बदलाव संभव है ।"
दौसा में लागू की गई यह योजना अब राज्य की 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में विस्तार के लिए विचाराधीन है, जिसमें राज्य सरकार की एक समिति कार्य कर रही है।
विप्र गोयल का उद्देश्य केवल जल संरक्षण तक सीमित नहीं है । वे गांवों में खाद्य व डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने के मॉडल पर कार्य कर रहे हैं, जिससे गांवों को आत्मनिर्भर औद्योगिक क्लस्टर में बदला जा सके। उनके मॉडल में फार्म पौंड, सोलर पंप, महिला स्वयं सहायता समूह जैसे तत्वों का समावेश है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उत्पन्न हो ।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, वर्ल्ड बैंक, BARC और इसरो जैसे संस्थानों के अनुभवों से सशक्त विप्र गोयल की छवि अब एक ऐसे युवा ने तृत्वकर्ता के रूप में बन रही है, जो तकनीकी ज्ञान, जमीनी समझ और आध्यात्मिक मूल्यों को साथ लेकर चल रहा है ।
विशेषज्ञों का मानना है कि विप्र गोयल द्वारा प्रस्तुत मॉडल न केवल जल और रोजगार संकट का समाधान है, बल्कि यह भारत के खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग क्षेत्र में निवेश के लिए भरोसेमंद और स्थायी मार्ग भी तैयार कर सकता है ।