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मैपल्स अकादमी और महावीर आयुर्वेदिक चिकित्सालय का संयुक्त स्वास्थ्य कार्यक्रम सम्पन्न

मुजफ्फरनगर,खतौली, 3 मई – मैपल्स अकादमी में पुष्य नक्षत्र के पावन अवसर पर एक विशेष स्वर्णप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन महावीर आयुर्वेदिक चिकित्सालय के संयुक्त सहयोग से किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना, उनके मानसिक और शारीरिक विकास को मजबूती प्रदान करना तथा आयुर्वेदिक परंपराओं के प्रति जागरूकता फैलाना था। स्वर्णप्राशन एक प्राचीन आयुर्वेदिक विधि है, जिसमें विशेष रूप से तैयार की गई औषधि का बच्चों को नियमित रूप से सेवन कराया जाता है। यह औषधि स्वर्ण (सोना), घृत (घी), शहद और विभिन्न जड़ी-बूटियों से तैयार की जाती है। माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र के दिन स्वर्णप्राशन का सेवन अत्यंत फलदायी होता है, क्योंकि इस दिन औषधियों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसी मान्यता के तहत यह आयोजन विशेष रूप से इस दिन रखा गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह विद्यालय परिसर में हुई, जहां महावीर आयुर्वेदिक चिकित्सालय की विशेषज्ञ टीम पहुंची। उन्होंने सबसे पहले छात्रों और उनके अभिभावकों को स्वर्णप्राशन की उपयोगिता, इसके लाभ और सेवन विधि की जानकारी दी। इसके पश्चात आयुुर्वेदिक नियमों के अनुसार सभी छात्रों को औषधि पिलाई गई। कार्यक्रम में नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विद्यालय की प्रधानाचार्या गरिमा सिंह ने कहा, “स्वास्थ्य और शिक्षा एक-दूसरे के पूरक हैं। जब बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, तभी वे पढ़ाई में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इसीलिए हम ऐसे आयोजनों को प्राथमिकता देते हैं।” उन्होंने महावीर आयुर्वेदिक चिकित्सालय की टीम को उनके समर्थन और सेवाभाव के लिए विशेष धन्यवाद भी दिया। विद्यालय प्रबंधन समिति के सक्रिय सदस्य श्री विपिन सिंघल और सोनम सिंघल ने भी इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि, “आज के समय में जब बच्चों का खानपान और जीवनशैली तेजी से बदल रही है, ऐसे में आयुर्वेद के माध्यम से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना आवश्यक हो गया है। स्वर्णप्राशन जैसे कार्यक्रम बच्चों की दीर्घकालिक सेहत में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।” इस कार्यक्रम को लेकर छात्रों में उत्साह और अभिभावकों में संतोष देखने को मिला। कई अभिभावकों ने विद्यालय के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों की सेहत की चिंता करने वाली सोच समाज में जागरूकता लाती है। कार्यक्रम का समापन विद्यालय की ओर से धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। विद्यालय प्रशासन ने यह भी जानकारी दी कि भविष्य में इस तरह के और भी स्वास्थ्यवर्धक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि छात्रों को शैक्षणिक के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी लाभ मिल सके। पुष्य नक्षत्र के शुभ अवसर पर आयोजित यह आयोजन न केवल आयुर्वेद के महत्व को दर्शाता है, बल्कि विद्यालय की समग्र विकास की सोच को भी स्पष्ट करता है।

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