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मनरेगा योजना में बड़ा खेल,जेसीबी से खुदाई कर बेची जा रही सरकारी मिट्टी,शिकायत पर प्रशासन मौन



केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना एक बार फिर सवालों के घेरे में है,फरेन्दा तहसील के धानी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पुरन्दरपुर में योजना के तहत स्वीकृत पोखरी संख्या-869 में खुदाई का कार्य मजदूरों से कराने के बजाय जेसीबी और ट्रैक्टर से खुदाई कर मिट्टी बेची जा रही है,यह खुलासा एक स्थानीय समाजसेवी रामानन्द यादव ने किया है,जिन्होंने इसकी लिखित शिकायत उपजिलाधिकारी से की है,शिकायत के अनुसार,मनरेगा योजना के तहत मछली पालन के लिए पोखरी निर्माण होना था,लेकिन इस योजना की आड़ में सरकारी जमीन से गहराई से मिट्टी निकालकर ट्रैक्टरों के माध्यम से बेची जा रही है,इससे योजना की मूल भावना को न केवल ठेस पहुंची है,बल्कि सरकार को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है,रामानन्द यादव ने पत्र में साफ आरोप लगाया है कि मजदूरों को रोजगार देने के बजाय मशीनों से काम कराया जा रहा है,जो मनरेगा के नियमों के खिलाफ है,उन्होंने प्रशासन से खुदाई को तत्काल प्रभाव से रोकने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है,अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार कार्यवाही के नाम पर सिर्फ इतना का हुआ की मौके पर पोखरे में हो रहे अवैध खनन को रोक दिया गया है, तथा उक्त प्रकरण में शामिल जिम्मेदरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई है,प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या स्थानीय प्रशासन को इस अनियमितता की जानकारी नहीं है,या फिर मिलीभगत के चलते इसे नजरअंदाज किया जा रहा है,स्थानीय मीडिया की टीम ने जब इस प्रकरण की तहकीकात की तो गांव के कुछ लोगों ने भी इस गड़बड़ी की पुष्टि की और बताया कि जेसीबी से खुदाई कर मिट्टी बाहर भेजी जा रही है।

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