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काशीपुर :- उम्मीदों का कौन सा था बोझ जो अमन सहन नहीं कर पाए...,खुद को मारी गोली #upendrasingh

काशीपुर के पॉवरलिफ्टर और जिम संचालक ने अपने घर की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में खुद को पिता की लाइसेंसी बंदूक से गोली मार ली। घटना से हर कोई स्तब्ध है। लोगों का कहना है कि आखिर उम्मीदों का कौन सा बोझ अमन के कंधे पर था जिसे वे उठा नहीं सके।

पावर लिफ्टिंग एशिया में कांस्य पदक विजेता और जिम संचालक अमनदीप अरोरा की खुद को गोली मारने की घटना से हर कोई स्तब्ध है। लोगों का कहना है कि आखिर उम्मीदों का कौन सा बोझ अमन के कंधे पर था जिसे वे उठा नहीं सके। अमनदीप दो बार नेशनल पॉवरलिफ्टिंग में हिस्सा लेकर चैंपियन रह चुके थे। स्टेडियम में पॉवरलिफ्टिंग कोच राजीव चौधरी ने बताया कि अमनदीप ने वर्ष 2011 में उनके निर्देशन में खेल की शुरुआत की थी।
वह पूर्व में मलयेशिया में आयोजित पावरलिफ्टिंग, एशिया में कांस्य पदक जीत चुके थे। काफी मिलनसार और अपने खेल के प्रति समर्पित था। वर्ष 2018 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्कृष्ट खेल के लिए उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं। उनके जिम में आने वाले युवाओं को वे इस खेल के प्रति जागरूक करते थे। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे कई खेल प्रेमियों ने कहा कि अमन दूसरों को नसीहत देता था और स्वयं इतना बड़ा कदम उठा लिया। कहा कोई न कोई ऐसी गंभीर बात रही होगी जो उसने किसी भी अपने साथी से शेयर नहीं की।


क्या है मामला?
काशीपुर के पॉवरलिफ्टर और जिम संचालक ने अपने घर की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरे में खुद को पिता की लाइसेंसी बंदूक से गोली मार ली। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। साथ ही परिजनों से पूछताछ की जा रही है। हादसे से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। प्रथमदृष्टया इसे आत्महत्या माना जा रहा है। हालांकि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। अमनदीप अरोरा (36) पुत्र धर्मेंद्र अरोरा उर्फ बबलू अरोरा दड़ियाल रोड के पास रहते थे और पावर हाउस जिम के संचालक थे। शुक्रवार दोपहर लगभग एक-डेढ़ बजे घर के ऊपर बने कमरे को अंदर से बंद कर उन्होंने गोली मार ली।

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