
2023 हो या 2025............जब तक रहेगी BJP, जलता रहेगा मणिपुर
*2023 हो या 2025............जब तक रहेगी BJP, जलता रहेगा मणिपुर*
*पूरे 02 साल हो गए, मणिपुर को जलते हुए। यहां शांति की कोई उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। हर जगह तबाही,शोक और बेबसी का मंजर है। आज दो साल बाद भी यहां के जो हालत हैं, उस पर सरकार और प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। सबसे दुख की बात ये कि अब सरकार मणिपुर के मुद्दे पर बात तक नहीं करती। देश के प्रधानमंत्री को यहां जाने का मौका आज तक नहीं मिला।*
➡️ताजा खबरों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में एक दर्जन से अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। यहां हत्या, आगजनी, गोलीबारी और ड्रोन हमले तो सामान्य चीज हो चुका है। यहां के लोग न अपने घरों में सुरक्षित हैं, न ही बाहर।
👉 केंद्र सरकार ने भले ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। मगर सच्चाई ये है कि आज पूरा मणिपुर दो पाटों में बंट गया है। आज इन दोनों में एक दूसरे के प्रति क्रूरता, प्रतिशोध और नफरत की आग धधक रही है। लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हैं, सरकार हाथ पर हाथ धरे अपनी नाकामी छिपा रही है।
➡️सरकारी आंकड़ों की मानें तो अभी तक इस हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जानें गई हैं, और लाखों लोग अपना घर-बार छोड़कर पलायन कर गए हैं। हजारों करोड़ रूपये की संपत्तियां जल कर खाक हो चुकी हैं। ये सरकारी आंकड़ा है, जबकि असली आंकड़ा इस आंकड़े से कई गुना अधिक डरावना और वीभत्स है। कम से कम अब तक हजारों बेकसूर लोग मारे जा चुके हैं।
➡️किसी ने बाप खोया है तो किसी ने बेटा। किसी के सपनों का घर धू-धूं कर जल गया। हजारों बहनों-बेटियों की इज्जत लूटी गई, उन्हें निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया। मगर पीड़ितों को आज तक न्याय नहीं मिला। बेबस और बेकसूर लोग न्याय के लिए किसके आगे रोएं, कुछ नहीं समझ आ रहा। आखिर एक प्रधानमंत्री इतना क्रूर और गैरजिम्मेदार कैसे हो सकता है कि वो अपना कर्तव्य भूलकर इवेंटबाजी में मस्त है।
➡️ देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है लोग चीखते-चिल्लाते, बिलबिलाते रहे, सरकार बहरी बनकर सैकड़ों लाशों का गवाह बनती रही। दंगाईयों ने पूर्व मुख्यमंत्री के घर राकेट लांचर से हमला किया, पुलिस पर हमला कर थानों में रखे हथियार लूट ले गए। पुलिस और सुरक्षा बल जनता की जान बचाने की जगह खुद की जान भी नहीं बचा पाए।
➡️2 साल बीतने और सैकड़ों हत्याओं के बाद भी BJP सरकार ने अपनी नाकामी नहीं मानी है। इन घटनाओं के पीछे सरकार कभी विदेशी साजिशों की बात करती है, तो कभी देशविरोधी ताकतों को इसका जिम्मेदार बताती है। मगर, सरकार अपने बोये हुए नफरत की फसल पर एक शब्द भी नहीं बोलती।
➡️आखिर BJP की केंद्र सरकार और राज्य सरकार मणिपुर की जनता के प्रति इतनी निर्मम कैसे हो सकती है। ये देश के लिए विडंबना और दुर्भाग्य है कि बड़ी-बड़ी बातें और नैतिकता झाड़ने वाले प्रधानमंत्री को अपने देश के लोगों के मरने-जीने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। वो देश के कई हिस्सों को नफरत की आग में झोंक कर खुद मौज काट रहा है।
➡️ये बात आप खुद सोचिए कि -
👉 आखिर 02 साल बीत जाने के बाद भी सरकार हिंसा को रोकने में इस तरह नाकाम क्यों है ?
👉क्या वजह है कि करीना कपूर और अक्षय कुमार से घंटो बतियाने वाले प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने की फुर्सत आज तक नहीं मिली ?