
धनंजय मुंडे की विधायकी पर खतरा!..करुणा ने नहीं दिखाई करुणा…कोर्ट में दायर की याचिका… संपत्ति बेचने पर रोक लगाने, बकाया मुआवजे की मांग.....
धनंजय मुंडे की विधायकी पर खतरा!..करुणा ने नहीं दिखाई करुणा…कोर्ट में दायर की याचिका… संपत्ति बेचने पर रोक लगाने, बकाया मुआवजे की मांग..........
मुंबई..बांद्रा के बाद माझगांव कोर्ट ने भी पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे को झटका दिया। अब उनकी पत्नी करुणा मुंडे ने एक और बड़ा कदम उठाया है। करुणा शर्मा-मुंडे अब धनंजय मुंडे की विधायक पद की सदस्यता रद्द करवाने के लिए मैदान में उतर गई हैं। उन्होंने इस संबंध में अदालत में याचिका दाखिल की है। अब मुंडे विधायकी और संपत्ति के मुद्दे पर नई याचिका दाखिल होने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
अब करुणा शर्मा-मुंडे ने अपने वकील चंद्रकांत ठोंबरे के माध्यम से अदालत में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में कहा गया है कि धनंजय मुंडे और उनके गुंडों द्वारा उन्हें धमकियां दी जा रही हैं और जब तक इस मामले का निपटारा नहीं होता, तब तक उनकी शुगर पैâक्ट्री या किसी अन्य संपत्ति को बेचने न दिया जाए।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही करुणा शर्मा-मुंडे ने कहा था कि जिस दिन धनंजय मुंडे की विधायकी जाएगी, वह दिन मेरी सबसे बड़ी जीत होगी। उस दौरान उन्होंने दावा किया था कि अगले छह महीनों में धनंजय मुंडे की विधायकी भी जाने वाली है, जिससे राजनीति में हलचल मच गई थी। इस बाबत करुणा मुंडे के वकील चंद्रकांत ठोंबरे ने बताया कि मैंने करुणा मुंडे की ओर से वकालतनामा दाखिल किया है और दो अर्जियां दी हैं। इनमें मांग की गई है कि धनंजय मुंडे अपनी किसी भी संपत्ति को न बेचें और किसी तीसरे पक्ष को उसमें हस्तक्षेप न करने दें। कोर्ट ने इस मामले में धनंजय मुंडे को ६ जून तक लिखित जवाब देने का समय दिया है। यह भी कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्हें धमकियां मिल रही हैं, इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही ६० लाख रुपए की बकाया राशि की वसूली के लिए भी अर्जी दी गई है।
सच्चाई की जीत निश्चित है
हाल ही में माझगांव कोर्ट ने करुणा शर्मा के पक्ष में पैâसला सुनाया और धनंजय मुंडे की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद करुणा शर्मा ने कहा कि चाहे सामने मंत्री हो या कोई ताकतवर व्यक्ति, अगर आप सच्चाई के साथ हैं तो जीत निश्चित है। कोर्ट का यह पैâसला पीड़ित महिलाओं के लिए ऐतिहासिक है। माझगांव कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया था। यह निर्णय करुणा मुंडे के लिए राहत देने वाला और धनंजय मुंडे के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।