
जिस तरह हम रोजाना दैनिक जीवन में चमकदार सफेद चीनी का उपयोग करते हैं, ठीक वैसे ही अब आने वाले समय में आमजन हल्की भूरी चीनी (लाइट ब्राउन शुगर) का उपयोग कर सकेंगे.
जिस तरह हम रोजाना दैनिक जीवन में चमकदार सफेद चीनी का उपयोग करते हैं, ठीक वैसे ही अब आने वाले समय में आमजन हल्की भूरी चीनी (लाइट ब्राउन शुगर) का उपयोग कर सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से करीब एक माह के अंदर ही जरूरी दिशा-निर्देश जारी हो जाएंगे.
कुछ माह पहले हुई एफडीए-2 (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड द्वारा गठित कमेटी) की मीटिंग में मौजूद सभी सदस्यों ने भूरी चीनी के अधिक से अधिक उपयोग को लेकर अपनी ओर से हरी झंडी दे दी. वहीं, सदस्यों ने इसको सफेद चमकदार चीनी की गुणवत्ता व पौष्टिक तत्वों के मुकाबले बेहतर माना है. आने वाले दिनों में यूपी के अंदर जो शुगर फैक्ट्री हैं, वहां भी हल्की भूरी चीनी का उत्पादन बड़े पैमाने पर कराने की तैयारी है.
हल्की भूरी चीनी में कई गुण : इस पूरे मामले को लेकर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) की निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने बताया कि मौजूदा समय में जो लोग चीनी का कम प्रयोग करते हैं और अपनी सेहत को लेकर डरे रहते हैं, वह अधिक से अधिक गुड़ का प्रयोग करते हैं. हालांकि, जो हल्की भूरी चीनी को लेकर विभिन्न संस्थानों में शोध किए गए हैं, उनसे सामने आया है कि हल्की भूरी चीनी गुड़ से भी कहीं अधिक गुणकारी है.
उन्होंने बताया कि, एफडीए-2 समिति के सदस्यों ने वीवीएचपी- ग्रेड चीनी के प्रयोग को अनुमति दे दी है. हालांकि, अभी आम लोग इसको लेकर बहुत अधिक जागरूक नहीं हैं, लेकिन बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) के मानकों के बदलने की जो प्रक्रिया है, वह पूरी हो चुकी है, इससे भारत के लोग अब हल्की भूरी चीनी को भी खा सकेंगे. उन्होंने बताया कि अफ्रीकन देशों, अमेरिका, एशियाई देशों में इस शक्कर का उपयोग अच्छी मात्रा में किया जा रहा है.
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