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सहारा पीड़ितों की आवाज बुलंद: विश्व भारती जनसेवा संस्थान की बैठक से हलचल, बिहार में भाजपा और सहारा इंडिया पर दबाव

पटना, 5 मई 2025,नौशाद अली: विश्व भारती जनसेवा संस्थान के नेतृत्व में 2 मई 2025 को पटना में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक ने सहारा इंडिया और बिहार की भाजपा सरकार को हिलाकर रख दिया है। माननीय सांसद श्री सुदामा प्रसाद की अध्यक्षता में हुई इस जिला प्रतिनिधि बैठक में बिहार के करीब 20 जिलों के सहारा पीड़ित जमाकर्ताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में संस्थान ने स्पष्ट रूप से सहारा इंडिया और उसे संरक्षण देने वाली भाजपा सरकार को भुगतान में देरी का जिम्मेदार ठहराया।
विश्व भारती जनसेवा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने बताया कि इस बैठक का असर तत्काल दिखाई दिया। बैठक के अगले ही दिन बिहार के सहकारिता मंत्री ने दावा किया कि राज्य में अब तक 600 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है और जल्द ही सभी जमाकर्ताओं की सूची तैयार कर भुगतान प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दूसरी ओर, सहारा इंडिया ने बिहार के सभी विधायकों को बिना हस्ताक्षर वाला पांच पन्नों का पत्र भेजा, जिसमें भुगतान न होने का कारण पुराना राग—सहारा-सेबी विवाद और अन्य अड़चनों—को बताया गया। पत्र में जमाकर्ताओं को सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए भुगतान लेने की सलाह भी दी गई।
नागेंद्र कुमार कुशवाहा ने इन दावों को पूरी तरह झूठ करार देते हुए कहा, "कोई भी राज्य पूरे देश के जमाकर्ताओं को छोड़कर केवल अपने राज्य की सूची नहीं बना सकता। बिहार में ब्याज समेत 1 लाख रुपये प्रति जमाकर्ता के हिसाब से भी 5000 करोड़ रुपये से संपूर्ण भुगतान असंभव है। यह स्पष्ट है कि सहारा इंडिया और भाजपा सरकार जमाकर्ताओं को गुमराह कर रही है।"
संस्थान ने सहारा पीड़ितों से एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाने की अपील की। कुशवाहा ने कहा, "बिहार में 2 करोड़ सहारा जमाकर्ता हैं। यदि हम सब मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट न देने का संकल्प लें, तो ये लोग अपनी औकात में आ जाएंगे।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि विश्व भारती जनसेवा संस्थान जल्द ही पटना उच्च न्यायालय में सहारा की समितियों को जब्त करने और दोषी अधिकारियों को जेल भेजने के लिए याचिका दायर करेगा।
संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नौशाद अली ने कहा, "हमारा संघर्ष सड़क से लेकर न्यायालय तक जारी रहेगा। हम लाखों जमाकर्ताओं की मेहनत की कमाई को वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
सहारा पीड़ितों से विश्व भारती जनसेवा संस्थान को तन, मन, धन से समर्थन देने की अपील की गई है। यह बैठक न केवल बिहार के सहारा जमाकर्ताओं के लिए, बल्कि पूरे देश में इस मुद्दे पर आंदोलन को नई दिशा देने का संकेत दे रही है।

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