logo

GST के बाद का भारत

गुड्स और सर्विसेज टेक्स आने के बाद भारत के आर्थिक बुनियादी ढांचे काफी मजबूत हुए है । देश में टैक्स संग्रह दर हर बार के नतीजों में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही है । ये देश के लिए काफी अच्छा संकेत है ।

लेकिन गुड्स और सर्विस टैक्स आने के बाद क्या छोटे व्यापारी को फायदा हुआ है ??
इस टैक्स के आने के बाद क्या ग्राहकों को फायदा हुआ है ??

हां ये बात बिल्कुल सत्य है इसके आने से देश को जरूर फ़ायदा हुआ है ।

उदाहरण के तौर मान लिया जाय एक साइकल जिसका बिलिंग कीमत 5000 है जिसपर 12% GST मतलब टैक्स के बाद उसका कीमत हो गया 5000+600=5600 रुपया ,
तो सवाल उठता है क्या 600 रुपया साइकल निर्माण कंपनी कमा पाती है ??
क्या डीलर 600 रुपया कमा पाती है ??
क्या छोटे दुकानदार यानी रिटेलर 600 कमा पाते है ??
क्या अधिकतम खुदरा मूल्य यानी MRP का निर्धारण सही तरीके से किया गया है ??

अगर GST का दर गरीबों के इस्तमाल करने वाले वस्तुओं पर कम हो तो उसकी बिक्री भी बढ़ेगी और इससे व्यापारियों को भी फायदा होगा और ग्राहकों को भी फायदा होगा और ज्यादा बिक्री के वजह से देश को भी फायदा होगा ।

छोटे व्यवसायियों लिए सरकार ने एक कंपोजिट स्कीम लॉन्च की जिससे छोटे व्यवसायियों को अनुपालन का बोझ कम होता है उन्हें विस्तृत रिकॉर्ड रखने और नियमित GST रिटर्न करने की आवश्यकता नहीं होती लेकिन उन्हें इस स्कीम के तहत कोई भी क्रेडिट इनपुट का लाभ नहीं मिलता । वे अपने ग्राहकों से GST वसूल नहीं कर सकते इसलिए 12% GST का बोझ अप्रत्यक्ष रूप से उनकी लागत का हिस्सा बन जाता है ।

दूसरा उदाहरण देखा जाय अगर कोई छोटा दुकानदार व्यवसाय के लिए ऋण बैंक से लेने जाता है तो उसे वहां भी लोन प्रोसेस के दौरान जो भी ट्रांजेक्शन जैसे लोन का इंश्योरेंस , लोन लेने वाले के साइट विजिट के नाम पर चार्ज जैसे तमाम ट्रांजेक्शन पे GST जोड़ा जाता है । जिसका फायदा ना सर्विस प्रोवाइडर को होता है उल्टे ग्राहक पर इसका बोझ भी बढ़ जाता है ।।

तीसरी सबसे बड़ी बात है कि वस्तु के ऊपर लगने वाले GST का निर्धारण भी इन ग्यारह सालों में सही से तय नहीं हो पाया है , जैसे बच्चों के लिखने वाले पेंसिल और बॉल पेन पर 12% तक का GST निर्धारित है जबकि शौक से पहनने वाला सोना पर 3% का GST निर्धारित किया गया है ।

कुछ छोटे व्यवसायियों से बात हुई उनका कहना है जब GST आया था तभी उन्होंने अपने व्यवसाय का GST बनाया लेकिन छोटा व्यवसाय होने के कारण उनको उसकी जरूरत महसूस नहीं हुई जिस वजह से वो अपना रिटर्न टाइम से नहीं फ़ाइल करवा पाए जिस वजह से उनके पोर्टल पे एक मोटी पेनल्टी की राशि शो कर रहा है जिस कारण वो अपने पोर्टल को फिर से एक्टिव नहीं कर पा रहे हैं ना ही दूसरा बनवा पा रहे हैं ये भी एक गंभीर समस्या है , इसपर GST काउंसिल और सरकार को ध्यान देने की जरूरत है ।।

मनीष सिंह
पटोरी

50
1904 views