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" पंच संकल्प से ही भारत विश्व शुरु बनेगा

" पंच संकल्प से ही भारत विश्व शुरु बनेगा

डॉ .विमन कुमार जैन
वर्तमान महावीर विश्वविद्यालय के अनुभाग अधिकारी एवं विद्या भारती चितौड प्रान्त के सह मंत्री के कर कमलों द्वारा स्थानिय विद्यालय विद्या निकेतन में " छः दिवसीय संगीत एवं वैदिक गणित प्रशिक्षण वर्ग का उद्‌घाटन सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। मंचाच्थ अतिथि क्षेत्रिय संगीत प्रमुख, तथा शिवीर संयोजक एवं जिला सचिव केसरीमल पांडिया तथा विद्या निकेरन माध्यमिक विद्यालय झाड़ोल प्रधानाध्यापक एवं उदयपुर जिला सहसचिव लाल सिंह जी शक्तावत रहे। वंदना सत्र में विद्या भारती चितौड प्रान्त से चयनित आचार्य, आचार्यागण उपस्थित रहे। उद्‌घाटन सत्र का प्रारंभ अवतरण गीत द्वारा किया गया। कार्यक्रम को आगे देने के लिए सह मंत्री चित्तौड़ प्रांत के द्वारा ओजस्वी गीत का गायन किया गया तथा भारत विश्व गुरु है अतिथि देवो भव सर्वे भवंतु सकिन: आदर्श वेद वाक्य की विवेचनात्मक विचाराभिव्यक्ति दी गई । इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना विषयक संघ की विचारधारा ,संघ के उद्देश्य विषयक विचार व्यक्त किए गए ‌। श्रीमान ने कहा के बालक जिस भाषा में स्वप्न देखा है वही भाषा उसके शिक्षक का मध्य होनी चाहिए ‌। बालक को स्वच्छ भाषा मातृभाषा में शिक्षक पर बोल देना चाहिए। मातृभाषा से बालक का सर्वांगीण विकास संभव है। भारतीय समाज में कुटुंब प्रबोधन विशेष बात भारतीय समाज की रही है जो व्यक्ति संयुक्त परिवार में रहता है उसका जीवन सदैव खुशहाल बना रहता है जो व्यक्ति एकांकी रहता है वह सदैव समस्या ग्रस्त रहता है एक दूसरों के साथ मिलकर बैठने से बात करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है सहयोग करना भारतीय कुटुंब प्रबोधन की विशेषता रही है कुटुंब व्यवस्था यदि सुदृढ़ है तो परिवार में संकट नहीं आते हैं परिवार में एक साथ एक समय का भजन करना चाहिए टीवी तथा मोबाइल का प्रयोग काम करना चाहिए सामाजिक समरणता का भाव हमारे हृदय में होना चाहिए। समाज को पर्यावरण के प्रति सजक रहना चाहिए। भारतीय समाज व्यवस्था में आज जाति व्यवस्था विद्यमान है जाति व्यवस्था में छुआछूत एवं उच्च नीच के कारण सामाजिकता के भाव का लोप हो गया है छुआछूत की भावना के जन्म के कारण आज देश का विखंडन हो रहा है। भारतीय सामाजिक व्यवस्था में अधिकार भी हैं तो कर्तव्य भी हैं हमें कर्तव्यों की पहचान होनी चाहिए हमारे स्वभाव में कर्तव्य का बोध होना चाहिए हमें नागरिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए हमारा चरित्र संदेश दायक होना चाहिए आज भारतीय समाज में परिवर्तन की आवश्यकता है राष्ट्रगान के साथ उद्घाटन सत्र संपन्न हुआ।

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