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Pilibhit News: ओवरब्रिज का धीमा निर्माण, असम चौराहा पर आवागमन में खतरा

पीलीभीत। शहर के असम चौराहे पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज सहूलियत और सुविधा के बजाय असुविधा बनता जा रहा है। मलबा, निर्माण सामग्री और खराब सड़क से आवागमन में भी जोखिम बरकरार है। दो बार मियाद बढ़ने के बाद भी कार्य की धीमी रफ्तार से अव्यवस्थाएं हावी हैं। रविवार को ट्रक की चपेट में आने से बाइक सवार मां-बेटी की मौत भी हो चुकी है।
वर्ष 2020 में शासन ने असम चौराहा पर 650 मीटर लंबे ओवरब्रिज निर्माण को मंजूरी देकर 98 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद वर्ष 2022 में आगरा की कार्यदायी संस्था गिरिराज जी ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए कार्य शुरू कराया। लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा और जाम से निजात की उम्मीद जगी। मगर लंबा समय बीतने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। कार्य को जून 2024 में पूरा होना था, लेकिन धीमी गति के चलते कार्य अब तक अधूरा है। समयावधि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 किया गया था।
इसके बाद भी तय अवधि में कार्यदायी संस्था ओवरब्रिज का कार्य पूरा नहीं कर सकी। इसके बाद अब तीसरी बार समय अवधि बढ़ाकर जून 2025 की गई है। अब भी कार्य की रफ्तार धीमी है। बताया जा रहा है कि इसका अभी 30 प्रतिशत काम होना बाकी है। निर्माणाधीन क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का अंबार है।

चौकी हटे दो माह बीता, कार्य फिर भी धीमा
ओवरब्रिज के निर्माण क्षेत्र में असम पुलिस चौकी का रोड़ा बताया गया। चौकी के चलते कार्य की रफ्तार धीमी होने की बात कही गई थी। दो माह पूर्व चौकी को वहां से हटा दिया गया, लेकिन इसके बाद भी कार्य की रफ्तार तेज नहीं हो सकी। चौराहा पर कार्य अधूरा है। सिर्फ गर्डर रखने के कार्य पर अमल किया गया। ऐसे में चौराहा पर हर समय हादसों का खतरा बना हुआ है।

सर्विस लेन पर गड्ढा, जगह-जगह पड़ा मलबा
ओवरब्रिज के दोनों ओर की सर्विस लेन की स्थिति भी बेहद खराब है। वाहनों के अधिक संचालन से मार्ग गड्ढों में बदल गया है। इसके अलावा निर्माणाधीन क्षेत्र में जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हैं। इससे असम चौराहों से गुजरने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जरा सी चूक बड़े हादसे का सबब बन सकती है।



वर्जन
ओवरब्रिज का निर्माण तेजी के साथ किया जा रहा है। असम चौराहा पर काम ने तेजी पकड़ी है। किसी प्रकार की लापरवाही न हो सके, इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं। तरुण बनर्जी, प्रोजेक्ट हेड कार्यदायी संस्था

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