logo

भारतीय शौर्य और पराक्रम के व्यवसायीकरण का प्रयास विफल

पहलगाम में हुए घातक हमले के जवाब में 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर भारत द्वारा किया गया "ऑपरेशन सिंदूर" बलिदान और वीरता का प्रतीक है।
7 मई को रिलायंस इंडस्ट्रीज, मुकेश चेतराम अग्रवाल, ग्रुप कैप्टन (रि.) कमल सिंह ओबेरह और आलोक कोठारी की ओर से क्लास 41 (मनोरंजन) के तहत "ऑपरेशन सिंदूर" के लिए कुल चार ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल किये गये, जो संभवतः वृत्तचित्रों जैसे मीडिया के लिए थे। इसने राष्ट्रीय प्रतीक के संभावित व्यावसायीकरण के लिए विरोध को जन्म दिया। सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म पर इस कदम की आलोचना के बाद इनमें से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 8 मई को अपना आवेदन वापस ले लिया। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह आवेदन एक जूनियर कर्मचारी द्वारा भूलवश और बिना उचित अनुमति के दायर किया गया था। रिलायंस ने अपने बयान में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जो भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक है, को ट्रेडमार्क करने का उनका कोई इरादा नहीं था। इसे एक जूनियर कर्मचारी की गलती बताते हुए कहा कि वे इसके महत्व का सम्मान करते हैं।
यह विवाद सैन्य अभियानों से लाभ कमाने के इर्द-गिर्द नैतिकता और संवेदनशीलता पर बहस को दर्शाता है।

103
9519 views