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"माँ ने सेहरा पहनाकर दी अंतिम विदाई: वीर अग्निवीर आकाशदीप सिंह चहल ने देश के लिए दी कुर्बानी"

पंजाब के फरीदकोट जिले के छोटे से गांव कोठे चहल का 22 वर्षीय नौजवान, अग्निवीर आकाशदीप सिंह चहल, देश की रक्षा में वीरगति को प्राप्त हुआ। सिख रेजीमेंट में अपनी सेवाएँ दे रहे इस वीर सपूत ने जम्मू में ड्यूटी के दौरान गुरुवार को दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को गर्व और शोक के मिश्रित भावों में डुबो दिया है।
आकाशदीप सिंह चहल की कहानी हर उस भारतीय की कहानी है, जो अपने देश के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहता है। कुछ ही दिन पहले आकाशदीप अपने गाँव लौटे थे। माँ-बाप और परिवार के साथ समय बिताया, हँसी-मजाक किया, और फिर ड्यूटी पर वापस लौट गए। उस समय किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। गुरुवार को, जम्मू में देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए, आकाशदीप ने दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया और वीरगति को प्राप्त हुए।
आज, शहीद आकाशदीप सिंह चहल की अंतिम यात्रा उनके गाँव कोठे चहल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ निकाली गई। इस दौरान उनकी माँ ने अपने शेर दिल बेटे को सेहरा पहनाकर विदाई दी। यह दृश्य हर किसी के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण था। माँ के चेहरे पर दुख के साथ-साथ अपने बेटे की वीरता पर गर्व भी साफ झलक रहा था। गाँव के लोग, रिश्तेदार, और स्थानीय प्रशासन ने भी इस वीर सपूत को नम आँखों और सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।
आकाशदीप सिंह चहल का बलिदान हमें याद दिलाता है कि हमारे देश की रक्षा में अनगिनत नौजवान अपनी जान की बाजी लगाते हैं। किसानों की गोद से निकला यह लाल देश की शान और सुरक्षा का प्रतीक बन गया। उनकी शहादत हमें यह भी सिखाती है कि देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हर भारतीय के दिल में होना चाहिए।
CJ24 न्यूज़ नेटवर्क की ओर से शहीद आकाशदीप सिंह चहल को शत-शत नमन। हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति दे। आकाशदीप जैसे वीर सपूतों की वजह से ही हमारा देश सुरक्षित और गौरवमय है।

वीर शहीद आकाशदीप सिंह चहल अमर रहें!

CJ24 न्यूज़ नेटवर्क: सच्चाई, साहस, समर्पण
तारीख: 17 मई 2025, समय: दोपहर 1:23 बजे (IST)

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