logo

नर्मदा पुत्र संत दादा गुरु अद्भुत योगी, 1350 दिन से निराहार बाकी सब है बेकार।

राजेश सोनी रीवा
संत दादा गुरु एक अद्भुत योगी नर्मदा पुत्र के नाम से भी जाने जाते हैं इनका योग उनकी आध्यात्मिक की शक्ति अद्भुत है दादा गुरु किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है दादा गुरु बचपन से ही आध्यात्मिक योग और अन्य पूजा पाठ में रहते थे उन्होंने मां नर्मदा को अपना सब कुछ अर्पण किया मां नर्मदा नदी को मन मन और उन्होंने खाना पीना त्याग दिया दादा गुरु विगत 1350 दिनों से निराहार व्रत कर रहे हैं नर्मदा संत दादा गुरु के रक्त नालियों में मां नर्मदा का जल रक्तबल प्रवाहित है इसका खुलासा तब हुआ जब दादा गुरु विगत 1350 दिनों से निराहार है फिर भी उनके शरीर में किसी भी तरह की कोई कमजोरी कोई भी शिथिलता नहीं देखी गई डॉक्टर का पैनल दिन रात इसी बात पर रिसर्च कर रहा था कि आखिर यह कैसे हो सकता है उनके दिनचर्या में उनके सोने में हर तरह से डॉक्टर का पैनल सर्च करता रहा लेकिन दांतों का रिचार्ज दादा गुरु के तब के आगे फेल है। दादा गुरु का शरीर सामान्य रूप से काम करता रहा निराहार रहने पर भी न सिर्फ ऊर्जा का स्तर बल्कि बायोकेमिकल व अन्य पैरामीटर में भी जैसे वह पहले थे वैसे ही रहे वह 500 मिली मीटर पानी पीकर भी 25 से 30 किलोमीटर ऊर्जा के साथ पैदल चलते रहे डॉक्टरों की रिपोर्ट की माने तो मेडिकल यूनिवर्सिटी इन जबलपुर व एआईआईएमएस भोपाल की रिपोर्ट के अनुसार दादा गुरु के शरीर में मीठा बैलिस्म हार्मोन बैलेंस और इम्यून सिस्टम समान है। उनके चेहरे पर वही तेज वही बोल वही मुस्कान बरकरार है यह मानव जीवन की ज्ञात सीमाओं से परे है इस तरह नर्मदा जल से अपने आप को ऊर्जा देना पत्थरों से ऊर्जा लेना पेड़ों से ऊर्जा लेना सूर्य से ऊर्जा लेना हवाओं से ऊर्जा लेना यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है दादा गुरु की यह अद्भुत तब और योग शक्ति है दादा गुरु किसी भी तरह का अन्य फल दूध या कोई पूरा आहार नहीं लेते वह सिर्फ नर्मदा जल ही उनके जीवन रेखा है दादा गुरु तपती गर्मी में भी सुबह हर दिन मां नर्मदा के परिक्रमा करते हैं और वह मां नर्मदा के ही जल से अपने आप को टैरो ताजा रखते हैं और मां नर्मदा अपने पुत्र के लिए कुछ जल में वह सारे विटामिन व सारी शक्ति ऊर्जा प्रदान करती है जिससे दादा गुरु चिरायु और स्वस्थ रहते हैं

13
3358 views