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कागारौल में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने दी तीव्र आंदोलन की चेतावनी विद्युत संविदा कर्मी पर पत्रकारों को झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप, प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग

कागारौल :–थाना क्षेत्र के दो पत्रकारों पर विद्युत संविदा कर्मी द्वारा दर्ज कराए गए कथित फर्जी मुकदमे ने पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो संगठन जिला स्तर से लेकर प्रदेश तक तीव्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

शुक्रवार को स्थानीय एक निजी स्कूल में एसोसिएशन की आपात बैठक आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने की। बैठक में दर्जनों पत्रकारों ने भाग लिया और एक स्वर में इस कदम को ‘स्वतंत्र पत्रकारिता के विरुद्ध साजिश’ करार दिया।

नागेंद्र इंदौलिया पर गंभीर आरोप

बैठक में यह आरोप स्पष्ट रूप से सामने आया कि विद्युत विभाग में संविदा पर कार्यरत नागेंद्र इंदौलिया ने बदले की भावना से प्रेरित होकर दो पत्रकारों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया। बताया गया कि संबंधित पत्रकारों ने कुछ दिन पूर्व बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही की रिपोर्टिंग की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।

“लोकतंत्र की रीढ़ को कमजोर किया जा रहा है”

जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने कहा —

> “पत्रकारों को डराने, दबाने और झूठे मुकदमों में फंसाने की यह कार्यप्रणाली लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है। यदि पत्रकारों को ही सच्चाई लिखने पर दंडित किया जाएगा, तो यह समाज के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।”

निष्पक्ष जांच और मुकदमे की वापसी की मांग

एसोसिएशन ने थाना कागारौल की भूमिका पर भी सवाल उठाए। बैठक में प्रशासन से मांग की गई कि:

मुकदमे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए,

संबंधित संविदा कर्मी की भूमिका की जांच की जाए,

निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए।


अफसरों से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि जल्द ही पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल पश्चिमी पुलिस उपायुक्त, जिलाधिकारी, तथा विद्युत विभाग के एमडी से भेंट करेगा और पूरे मामले से अवगत कराएगा। साथ ही पत्रकारों ने यह भी संकेत दिया कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो कागारौल थाने के बाहर धरना और आंदोलन की योजना बनाई जाएगी।

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