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टोहाना में संत समागम: बेगमपुरा अध्ययन केन्द्र की रखी गई नींव, संतों ने कहा – ज्ञान ही गुरु है, सेवा ही ईश्वर है। हजारों श्रद्धालुओं ने लिया संतों का आशीर्वाद, मेले जैसा माहौल, अटूट लंगर और जल सेवा रही आकर्षण का केंद्र


टोहाना/फतेहाबाद (हरियाणा), 9जून (मंजीत सिंह)- टोहाना में रविवार को बेगमपुरा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित किए जा रहे बेगमपुरा अध्ययन केन्द्र के नींव पत्थर कार्यक्रम पर महान संत समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तरप्रदेश, गुजरात व मध्यप्रदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। समागम में संतों ने सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर सेवा और ज्ञान के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत निर्मल दास जी, प्रधान, गुरु रविदास साधु संप्रदायिक सोसायटी (पंजाब) रहे। उन्होंने कहा कि “गुरु रविदास जी ने सदा आडंबर और जात-पात से दूर रहकर मानव सेवा को प्राथमिकता दी। आज भी वही रास्ता समाज को जोड़ने का एकमात्र माध्यम है।”
संत जगीर सिंह जी, अध्यक्ष, 'सरबत दा भला ट्रस्ट' जालंधर, ने कहा कि “हमें ऐसा जीवन जीना चाहिए जिससे केवल हमारा नहीं, समूचे समाज का कल्याण हो। 'सरबत का भला' केवल नारा नहीं, एक मिशन है।”
भाई प्रीत रविदासिया, मुख्य प्रचारक, ने अपनी अमृतवाणी में कहा कि “हमें मधुमक्खियों की तरह मिलकर समाज के लिए कुछ मीठा, कुछ अमृततुल्य करना चाहिए। एकता और सहयोग ही हमारी ताकत है।”
गुरुओं की वाणी को घर-घर पहुंचाना है लक्ष्य: डॉ. दहिया
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. कर्मवीर दहिया, चेयरमैन, बेगमपुरा चैरिटेबल ट्रस्ट ने बताया कि ट्रस्ट का उद्देश्य गुरुओं की मूल शिक्षाओं पर शोध व प्रचार करना है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि अध्ययन केन्द्र ऐसा स्थान बने जहां संतों की वाणी को उसकी वास्तविकता में समझा और आगे बढ़ाया जा सके। आडंबरों से दूर रहकर ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है।”
समारोह में दिखा उत्सव जैसा माहौल, अटूट लंगर रहा जारी
कार्यक्रम स्थल पर दिनभर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा। संगत के सहयोग से अटूट लंगर, जल सेवा और धार्मिक भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। माहौल पूर्णतः आध्यात्मिक और सौहार्दपूर्ण बना रहा।
समारोह में अनेक गणमान्य लोग रहे शामिल
कार्यक्रम में रवि सोनू कुंडली (प्रदेश अध्यक्ष, आर.पी.आई.), सरदार निशान सिंह (वरिष्ठ कांग्रेस नेता), सरपंच कमलदीप (ब्लॉक प्रधान), सरपंच गुरमीत सिंह, सरपंच जसपाल सिंह, सरपंच तरसेम बडेसर, सरपंच बिट्टू रोज, गुरप्रीत मुंगरिया, दीपी सरपंच तलवाड़ा, सरपंच हरिंदर सिंह, सरपंच कुलदीप सिंह, साहब राम माथुर, चंद्रबेदी बटोया समेत विभिन्न गांवों के सरपंच व समाजसेवी शामिल हुए।
सभी ने दिया एक ही संदेश – "नर सेवा ही नारायण सेवा है"
संतों व वक्ताओं ने मंच से साफ संदेश दिया कि “धर्म वही है जो सेवा से जुड़ा हो। समाज को जोड़ना ही सच्ची भक्ति है।”
कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने दोहराया – "ज्ञान ही गुरु है, सेवा ही ईश्वर है, और प्रेम ही सबसे बड़ा धर्म है।"

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1 comment  
  • Manjit Singh

    वाहेगुरु जी 🙏🙏