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बहराइच: लक्कड़ शाह मजार समेत चार मजारों पर वन विभाग की बुलडोजर कार्रवाई, बकरीद की पूर्व संध्या पर विवाद

नानपारा बहराइच, 9 जून 2025उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन क्षेत्र में 8 जून 2025 की रात को वन विभाग और प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सैयद शाह हुसैन लक्कड़ शाह की मजार समेत चार मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई मुर्तिहा रेंज के कोर जोन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई। वन विभाग का दावा है कि ये मजारें वन्य जीव संरक्षण के लिए संरक्षित जंगल क्षेत्र में अवैध रूप से बनी थीं।इतिहास और मजार का महत्व
लक्कड़ शाह बाबा की मजार को लेकर स्थानीय लोग और प्रबंधन समिति का दावा है कि यह 16वीं शताब्दी (1610 ईस्वी) से मौजूद है और यहाँ सदियों से उर्स और मेले का आयोजन होता रहा है। बहराइच जिला गजेटियर 1903 में भी इस मेले का उल्लेख मिलता है। समिति के सचिव इसरार के अनुसार, मजार वक्फ संपत्ति है और इसके वैध दस्तावेज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि 5 जून 2025 को ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की।रात में कार्रवाई क्यों?
वन विभाग और प्रशासन ने 8 जून 2025 की रात को यह कार्रवाई शुरू की, जिसमें पुलिस और पीएसी जवान तैनात रहे। सूत्रों के अनुसार, रात में कार्रवाई इसलिए की गई ताकि भीड़ इकट्ठा होने और तनाव की स्थिति से बचा जा सके। वन विभाग का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया गया था और कार्रवाई एक दिन के भीतर शुरू कर दी गई। हालांकि, मजार कमेटी का दावा है कि नोटिस अपर्याप्त था और उन्हें उचित समय या जवाब देने का मौका नहीं दिया गया।वन्य जीव संरक्षण का तर्क
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कतर्नियाघाट वन क्षेत्र एक संरक्षित क्षेत्र है, जो वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। अवैध अतिक्रमण से जंगल और वन्य जीवों को खतरा था, जिसके चलते यह कार्रवाई आवश्यक थी। विभाग का कहना है कि यह कदम पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के व्यापक हित में उठाया गया।बकरीद की पूर्व संध्या पर कार्रवाई से विवाद
यह कार्रवाई बकरीद (ईद-उल-अज़हा) की पूर्व संध्या पर हुई, जिससे स्थानीय लोगों और देशभर से आने वाले जायरीनों में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है। कई लोगों का सवाल है कि प्रशासन ने इस संवेदनशील समय पर कार्रवाई क्यों चुनी, जब समुदाय त्योहार की तैयारी में व्यस्त था। अभी तक इस कार्रवाई के दौरान किसी अप्रिय घटना की सरकारी पुष्टि नहीं हुई है, और पुलिस ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं।वक्फ बिल और कानूनी पहलू
प्रबंधन समिति ने दावा किया कि मजार वक्फ संपत्ति है और वक्फ बिल से जुड़ा मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। एक प्रमुख बिंदु 'वक्फ बाय यूज़र' का है, जिस पर न्यायालय में चर्चा चल रही है। समिति का कहना है कि बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए यह कार्रवाई अवैध है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि वन भूमि पर अतिक्रमण को हटाने का अधिकार उनके पास है।स्थानीय और जायरीनों की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई से स्थानीय लोग और दूर-दराज से आने वाले जायरीन नाराज हैं। सोशल मीडिया और स्थानीय चर्चाओं में इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कदम बताया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

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