
धामी जी हमें बचाओ यह कहना है पछवादुन की निर्दोष जनता का आखिर जिम्मेदार और कितनी मोतों के बाद करेंगे उक्त अवैध कार्य पर कार्यवाही आखिर कब तक मरेगी जनता यह सवाल है निर्दोष जनता का धामी सरकार से
धामी जी हमें बचाओ यह कहना है पछवादुन की निर्दोष जनता का जो पिछले काफी समय से दिनदहाड़े यमराज का रूप लेकर नो एंट्री जोन में ओवरलोड अवैध खनन से भरे अनियंत्रित गति से भागते ट्रक डंपरों के नीचे रोजाना अपनी जान गवा रहे हैं
पिछले काफी समय से उक्त डंपरों से सैकड़ो दुर्घटनाए घट चुकी है बड़ी हैरानी की बात है यदि कोई व्यक्ति दुपहिया वाहन पर हेलमेट लगाना भूल जाए या कोई कार चालक सीट बेल्ट लगाना भूल जाए चालान ऑनलाइन सीधा घर पहुंचता है परंतु ओवरलोड अवैध खनन से भरे सैकड़ो ट्रक डंपर दिन के उजाले में मुख्य चकराता देहरादून मार्ग पर एक दर्जन वन विभाग चौकी चौकी खनन चौकी आरटीओ चेक पोस्ट एवं अन्य जिम्मेदार विभागों की चौकी के सामने से बदस्सुर आवागमन कर रहे हैं परंतु किसी का भी कोई चालान तो दूर उल्टा जिम्मेदार उक्त अवैध वाहनों का संचालन करने वाले माफियाओं के कंधे थपथपाने का काम करते हैं जिसकी वजह से बेकसूर जनता रोजाना अपनी जान गवा रही है ऐसा ही एक हादसा आज देहरादून जिले के सहसपुर क्षेत्र अंतर्गत लांघा तिराहे पर हुआ जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और दो अन्य घायल हो गए। यह हादसा लांघा तिराहा के पास हुआ, जहां ट्रक (नंबर यूके07सीडी 7755) गलत दिशा से आ रहा था और बाइक (नंबर यूके07az 4650) से टकरा गया जिसमे आशिक पुत्र खालिद, लगभग 25 वर्ष, जिनके पैर में चोट लगी।फरमान पुत्र फुरकत अली, 24 वर्ष, जो सुरक्षित हैं।आजम पुत्र शाहिद, करीब 21 वर्ष, जिन्हें विकासनगर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।पुलिस की कार्रवाईपुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और ट्रक चालक को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है। बीते दो दिन पहले एक अनियंत्रित ओवरलोड खनन से भरे ट्रक ने विकास नगर के वेदांश चौक पर बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर एवं पेड़ को जबरदस्त टक्कर मारकर जड़ से उखाड़ दिया था काफी मशक्कत के बाद कई लाख रुपए खर्च कर बिजली विभाग ने विद्युत आपूर्ति बहाल की यदि यह हादसा दिन में होता तो उस चौक पर भारी भीड़ जमा होती है जिसके चलते कई लोगो की जान जाती उक्त रात दिन चल रहे ओवरलोड ट्रक के डर से लोगों ने घर से निकलना बंद कर दिया है सुविधा शुल्क के चक्कर में कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं आखिर जिम्मेदार कब जाएंगे और कितनी मौत के इंतजार में है जिम्मेदार विभाग आखिर क्यों है एक देश में दो कानून माफियाओं के लिए अलग आम जनता के लिए अलग पूछती है पछवादुन की जनता