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आत्मानन्द के अतिशेष शिक्षकों का नहीं कराया युक्तियुक्तकरण में चहेतों को बचाने के चक्कर में

पूरे प्रदेश में युक्तियुक्तकरण की जमकर चर्चा है। युक्तियुक्तकरण की चर्चा नाराज शिक्षकों समेत खासकर विपक्षी नेताओं में ज्यादा है। जाहिर सी बात है कि हर पार्टी के लिए शिक्षक वर्ग बहुत बड़ा वोट बैंक है। एक बार फिर युक्तियुक्तकरण के कारण प्रभावित शिक्षकों की भौंहे तन गयी है। जानकारी देते चलें कि युक्तियुक्तकरण के बाद अतिशेष शिक्षकों ने नये ठिकाने को ज्वाइन भी कर लिया है। लेकिन आत्मानन्द स्कूल के अतिशेष शिक्षकों को देखकर प्रभावित शिक्षक गुस्से से भरे हुए हैं।

जानबूझकर आत्मानन्द स्कूल को रखा गया दूर

जिला शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि इसका पता लगाए। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का पालन कर अतिशेष शिक्षकों को हटाकर जरूरत के हिसाब से अन्य स्कूलों में भेजे। फिलहाल आत्मानन्द स्कूल में कितने अतिशेष शिक्षक हैं। जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेंगे।

जानकारी देते चलें कि जिले में कुल 34 आत्मानन्द स्कूल है। यहा सैकड़ों की संख्या में अतिशेष शिक्षक हैं। कमोबेश सभी शिक्षकों को जिला शिक्षा विभाग में बैठे आला अधिकारियों का आशीर्वाद हासिल है। यही कारण है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से जिला शिक्षा के अधिकारियों ने सोची समझी रणनीति के तहत आत्मानन्द स्कूलों को दूर रखा है। दूर रखने की वजह को समझा जा सकता है। फिलहाल इस बात को लेकर प्रभावित शिक्षकों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है।

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