
लखेरा समाज दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मा० सुरेंद्र सिंह लखेरा ने दिया सामाजिक एकता का संदेश...
सभी लखेरा समाज बंधुओ, मातृशक्ति को मेरा जय श्री राम
सम्पूर्ण भारत वर्ष मे हमारे लखेरा समाज को लोग अलग अलग नामों से जानते है, जैसे लखेरा, लखपति, मनिहार, लखारा, लक्षकार, लहेरी और अनेक नामो से जाने जाते है,और उसके बाद हम अपने नाम के साथ गोत्र लगाते हैं इसी वजह से हमारी संख्या का भी नही पता चलता कितनी है, कई बार हम साथ रहकर भी एक दूसरे को पहचान नही पाते हैं l इस लिए हमे अपने अपनी पहचान लखेरा नाम से स्थापित करनी होगी। राजपूत लखेरा समाज के सभी गण मान्य, ऊर्जावान, बुद्धिजीवी वर्ग, मेरा मानना है कि हमारे लखेरा समाज की उत्पत्ति उच्च कोटि वंश से हुई जो चरित्रवान और बलशाली थे। जिसके कारण हम टुकड़ों मे बंटकर भी अपने आप को बनाऐ हुऐ हैं। यदि हम सभी एक सूत्र मे बंध जाय तो हमारा समाज एक उन्नत और विकसित समाज की श्रेणी मे आ सकता है, क्योंकि हमारे समाज मे हर कार्य क्षेत्र के ख्याति प्राप्त समाज बंधु है, जो समाज को बहुत कुछ देना चाहते है,परंतु वो ऐसा नही कर पा रहे हैं, उसका कारण है एक उचित मंच, संगठन और जानकारी का अभाव होना, कि हमारे किस समाज बंधु को किस प्रकार की सहायता चाहिए। इन उदेश्यो की पूर्ति के लिए सबसे पहली आवश्यकता है समाज में एकता, इस पर हम सभी को चिंतन और मनन करना होगा।
आदरणीय समाज बंधुओ एक नारा देश में चल रहा है और वो सही भी है :
*हम बटेंगे तो कटेंगे,*
*एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।।*
इसे अपने समाज में भी लागू करना होगा। हमारे लिए समाज का वो हर बंधु आदरणीय है चाहे वो पच्चीस गज के घर में रहता हो या पाँच सौ गज के घर में क्योंकि अपनी मेहनत से सभी लोग कमा कर खा रहे हैं। इसलिए मेरी सभी समाज बँधुओ से प्रार्थना है कि गुटबाजी और अहम को छोड़कर लखेरा समाज के एक झंडे के नीचे आओ, आप सब भी यही चाहते है इसी से लखेरा समाज की एकता बनी रहेगी, परस्पर भाई चारा बना रहेगा, सभी का सम्मान होगा, हम सभी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी रूप में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अतः सभी समाज बंधु अपने विचार शालीनता पूर्वक रखें। जिससे किसी की भावनाओ को ठेस ना लगे।