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बड़ी खबर !!!! उत्तराखंड से...? तथ्यों के साथ पत्रकार वार्ता में पहुंचे बॉबी पंवार, उत्तराखंड सरकार पर खड़े किए कई सवाल?

राजधानी देहरादून, उत्तराखण्ड से राम गौड़ की ताजा अपडेट !!!

आज देहरादून में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में "उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा" के प्रदेश अध्यक्ष "बॉबी पंवार" ने सरकार एवं सरकार द्वारा नियुक्त महाअधिवक्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए।
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अनिल यादव के खिलाफ दायर जनहित याचिका पूरी तरह से ठोस साक्ष्यों पर आधारित थी, लेकिन धामी सरकार ने एक भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसके पक्ष में खड़े होकर भ्रष्ट अधिकारी अनिल यादव को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
बॉबी पंवार प्रेस वार्ता में भ्रष्टाचार से जुड़े सभी दस्तावेज़ों और प्रमाणों के साथ आए, ताकि जनता और पत्रकारों को तथ्यों के आधार पर सच से अवगत कराया जा सके। बॉबी पंवार ने कहा कि यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सरकार द्वारा नियुक्त महाधिवक्ता और अन्य वकील भ्रष्ट अधिकारी की पैरवी करते नजर आ रहे हैं, और जनहित में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने तीखे शब्दों में कहा यह याचिका भ्रष्टाचार के खिलाफ थी, लेकिन सरकार और उसके वकील उसे याचिकाकर्ता के खिलाफ बना रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां भी हमें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया गया।
बॉबी पंवार ने इस पूरे घटनाक्रम को सरकार की एक सोची-समझी रणनीति बताया ओर कहा कि जब हम न्याय के लिए कोर्ट जाते हैं, तो सरकार के अधिवक्ता जनता की आवाज बनने के बजाय भ्रष्ट अधिकारियों की ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं।
बॉबी पंवार ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई उत्तराखंड और जनहित के लिए है लेकिन सरकार ने जानबूझकर झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा कर उनके ऊपर मुकदमे दर्ज कर दिए ताकि जनता की आवाज को दबाई जा सके। बॉबी पंवार ने आक्रोशित स्वर में कहा कि 'यह वही महाधिवक्ता हैं जिन्होंने उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में CBI जांच कराने का विरोध किया था। अगर एक अधिवक्ता राज्य की बेटी को न्याय दिलाने से मुंह मोड़ सकता है, तो फिर जनता के विश्वास की रक्षा की उम्मीद कहां से की जाए?" उन्होंने सरकार से यह भी सवाल पूछा कि महाधिवक्ता की राज्य निर्माण में क्या भूमिका रही है? और यह सवाल भी किया कि 'जब सरकार के द्वारा महाअधिवक्ता से लेकर सरकारी वकीलों की लंबी फौज उच्च न्यायालय में है तो फिर बाहरी वकीलों की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 20-20 लाख रुपए प्रति सुनवाई के लिए बाहर से नियुक्त वकीलों को दिया जा रहा है जबकि यह पैसा उत्तराखंड के हर व्यक्ति का है। यह सब सवाल सरकार की मंशा और पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रेस वार्ता में पत्रकारों के सामने वकीलों पर खर्च हुए करोड़ों रुपए के भुगतान के साथ रहने एवं शराब के बिल के भुगतान का आंकड़ा भी रखा। यह सरकारी धन का दुरपयोग का ब्यौरा बॉबी पंवार ने पत्रकारों के समक्ष सारे साक्ष्यों ओर सबूतों के साथ रखा। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने कहा कि "लड़ाई अब शुरू हुई है और जब तक उत्तराखंड से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होता, हम चुप नहीं बैठेंगे।"
प्रेस वार्ता के दौरान उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश देवरानी, उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान, राजेंद्र भट्ट, मनोज कोठियाल और प्रमोद काला भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बॉबी पंवार ने कहा कि अब उत्तराखंड की जनता जाग रही है और यदि सरकार ने जनता की आवाज नहीं सुनी तो सड़कों से न्यायालय तक आवाज गूंजेगी .......

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