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क्या कहें इसे—कुदरत का करिश्मा, क़िस्मत का खेल, या फिर आस्था और विश्वास की अलौकिक शक्ति? आज जब पूरा देश एयर इंडिया क

क्या कहें इसे—कुदरत का करिश्मा, क़िस्मत का खेल, या फिर आस्था और विश्वास की अलौकिक शक्ति?

आज जब पूरा देश एयर इंडिया की उड़ान AI171 के भयावह हादसे से सन्न है, एक नाम हर दिल को उम्मीद की किरण दे रहा है—रमेश विश्वकुमार।

जहाँ एक तरफ पूरा विमान आग के गोले में तब्दील हो गया, जहाँ 241 जिंदगियाँ एक पल में बिखर गईं, वहीं रमेश को मौत ने छुआ और गुजर गई। यह कोई साधारण बात नहीं, बल्कि ईश्वर की कृपा और मानव के अटूट विश्वास का चमत्कार है!

रमेश, जो उड़ान में सीट 11A पर सवार थे, आज अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं, लेकिन वे जिंदा हैं!

जब मेघानीनगर की गलियों में विमान का मलबा और आग का तांडव फैला, तब भी उनके भीतर की आस्था ने उन्हें बचा लिया।

डॉक्टरों का कहना है कि यह चमत्कार ही है कि वे इस तबाही से बचे, और अब हर सांस के साथ वे अपने परिवार और प्रियजनों की ओर लौटने की कोशिश कर रहे हैं।

ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसे ही और भी लोग हों जो इस हादसे में जीवित हों , उम्मीद तो दिख रही है कुछ और लोग भी ज़िंदा हों ! 🙏

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